'चुनाव आयोग को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है', ADR की याचिका पर SC में बोला EC
'चुनाव आयोग को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है', ADR की याचिका पर SC में बोला EC
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग की तरफ से देरी से वोटर टर्नआउट जारी करने के विरुद्ध दायर एडीआर की याचिका पर सुनवाई आरम्भ हो गई है। जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। जवाबी हलफनामे में चुनाव आयोग ने फॉर्म 17C का डेटा सार्वजनिक करने से मना किया है। चुनाव आयोग की ओर से मनिंदर सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के चलते निरंतर आयोग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, यह अर्जी खारिज की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा कि ये अर्जी सुनवाई के योग्य नहीं है।

चुनाव आयोग ने आज की सुनवाई के चलते कहा कि आशंकाओं के आधार पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं जबकि हाल ही सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसला दिया था जिसमें तमाम पहलू स्पष्ट हुए थे। आयोग ने कहा है कि नियम के अनुसार, फॉर्म 17C को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग ने ने ADR की अर्जी पर निशाना साधते हुए यहा तक कहा कि सुबह फैसला आता है तथा शाम को वही लॉबी नया मुद्दा लेकर आयोग को बदनाम करने में जुट जाती है, इस अर्जी पर भारी जुर्माना लगाते हुए इसे खारिज किया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि यह लॉबी निरंतर आयोग की छवि खराब करने एवं चुनावी प्रक्रिया को लेकर भ्रम फैलाने में जुटी है, संविधान के अनुच्छेद 329B में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि चुनाव के चलते ऐसी अर्जी को मंजूरी नहीं दी जा सकती। आयोग ने कहा कि फॉर्म 17C को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है और 5 से 6 प्रतिशत का फाइनल डेटा में फर्क की बात बोलना पूरी तरह गलत है, सिर्फ 1-2 प्रतिशत का अंतर होगा। 

आयोग ने कहा कि महुआ मोइत्रा की याचिका 3 वर्ष पहले दाखिल की गई एवं अर्जी अचानक लोकसभा चुनाव के चलते दाखिल कर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। आज की सुनवाई में प्रशांत भूषण की जगह दुष्यंत दवे पेश हुए हैं। अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा है कि 2019 की याचिका एवं मौजूदा अर्जी में बहुत अंतर है। दवे ने कहा कि मुझे चुनाव आयोग के सवाल पर आश्चर्य है तथा हम उनके अनुसार, याचिका नहीं दाखिल करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने मोइत्रा के अधिवक्ता दवे से पूछा कि आपकी याचिका में क्या मांग है, आपकी तरफ से अलग रिट याचिका क्यों नहीं दाखिल की गई जबकि पुरानी याचिका जो अलग मुद्दे पर है, उसमें अर्जी दी गई। अदालत ने याचिका दायर करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे से पूछा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के पश्चात् यह याचिका दायर क्यों की गई?

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