मशहूर सूफी गायक गुरदास मान ने एक राष्ट्र एक भाषा और हिंदी का समर्थन किया था. जिसके बाद वह आलोचको के निशाने पर आ गए थे. लेकिन हाल ही में इस मामले पर उन्होने ने बड़ी बात कही है.उन्होंने अपने रुख को दोहराते हुए कहा कि मुझे इसको लेकर विरोध की कोई परवाह नहीं है. मैंने सहीे बात कही है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक बात नही है. ये बात कह कर उन्होने ने अपना रूख साफ कर दिया.
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अपने बयान में विदेश से लौटे प्रसिद्ध पंजाबी गायक गुरदास मान ने कहा, 'जो मेरी बात का विरोध करता है, करता रहे. मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं है.' बता दें कि पिछले दिनों हिंदी दिवस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 'एक राष्ट्र एक भाषा' का नारा देते हुए हिंदी को सारे देश की भाषा के रूप में अपनाने की बात कही थी. इसका कई राज्यों में विरोध हुआ था. लोगों ने कहा था कि वह अपनी मातृभाषा नही त्याग सकते.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस दौरान विदेश में शो करने गए गुरदास मान ने इसका समर्थन किया था. गुरदास मान ने कहा था कि पंजाबी उनकी मां बोली है तथा हिंदी मौसी है. ऐसे में हिंदी को अपनाने में गलत नहीं है. उन्होंने अमित शाह के एक राष्ट्र एक भाषा के बयान काे सही बताया था. गुरदास मान ने कहा, पूरे देश में एक ही भाषा होनी चाहिए, जिसे सभी समझ सकें. जहां पंजाबी हमारी मातृ भाषा है, वहीं हिंदी भी हमारी मौसी है, इसलिए उसका भी उतना ही सम्मान करना चाहिए जितना अपनी भाषा का करते है.
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