बॉलीवुड के अमिताभ ने देश पर छोड़ी अमीट छाप
बॉलीवुड के अमिताभ ने देश पर छोड़ी अमीट छाप
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बॉलीवुड के शहंशाह, बादशाह, बिग बी और विभिन्न नामो से अपनी पहचान बनाने वाले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने जहा अपनी जिंदगी को एक कामयाब मुकाम पर पहुँचाया है. वही बड़े बड़े महानगरो से गाँवो की चोपालो घर और गलियो तक अपने नाम का यह सीलसिला पहुँचाया है. महान कलाकार होने के साथ साथ वे एक ऐसे आदर्शवादी इंसान के रूप में जाने जाते है, जो की समाज से ऊपर उठकर अपने यतार्थ को चरितार्थ करते है.  11 अक्टूबर 1942  को महान कविताकर हरिवंशराय बच्चन के घर जन्मे अमिताभ ने अपनी जिंदगी को उनके पिता की कविता मधुशाला की तरह जिया है. वही उन्होंने अपनी जन्म स्थली इलाहबाद में होने वाले गंगा यमुना और सरस्वती के संगम की तरह अपनी जीवन की रसधारा को एक नए मोड़ में मोड़ा है. अमिताभ का शुरू में नाम इंकलाब रखा गया था, जो देश भक्ति का पर्याय है. वही बाद में उनका नाम अमिताभ रखा गया जिसका अर्थ ही कभी ना मिटने वाला प्रकाश होता है. जिसको उन्होंने सार्थक कर दिखाया है. 

बिग बी ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी सात हिंदुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की थी. जिसके बाद यह सफर ऐसा चला की उन्होंने अपने करियर में 150 से भी ज्यादा फिल्मे की है. वही  आनंद, ज़ंजीर, अभिमान, दीवार, शोले, त्रिशूल, मुकद्दर का सिकंदर, सत्ते पे सत्ता, सिलसिला, अमर अक़बर एंथनी, डॉन, शक्ति, काला पत्थर, हम, अग्निपथ, बाग़बान, चीनी कम, ब्लैक, पा आदि ऐसी फिल्मे है, जो उनके बेहतर अभिनय के लिए जानी जाती है.

अक्सर देखा जाता है कि अधिकतर मशहूर कलाकार एक निर्धारित सफर करने के बाद राजनीती में उतरता है. ऐसा ही बच्चन साहब के साथ भी हुआ. वे 1984 में अभिनय से कुछ समय के लिए दूर होकर अपने पुराने मित्र राजीव गांधी के साथ राजनीति में कूद पड़े. उन्होंने इलाहाबाद लोक सभा सीट से उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एच.एन. बहुगुणा को भारी मतों से पराजित कर के अपने पहले ही चुनाव में नया रिकॉर्ड कायम किया था. किन्तु उन्हें राजनीती का ये दलदल अच्छा नही लगा और बिग बी ने अपना कार्यकाल पूरा किये बिना ही राजनितिक जीवन छोड़ दिया. जिसके बाद वे आज तक राजनीती से दूर रहे. उन्हें उनकी कई फिल्मो के लिए  फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिल चूका है.

इस कड़ी में तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं. वही भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से भी नवाजा गया है. अमिताभ बच्चन अपने सबसे बड़े पॉपुलर शो कौन बनेगा करोड़ पति के लिए जाने जाते है. अमिताभ बच्चन को अप्रैल 2005 में एचआईवी/एड्स और पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनिसेफ़ गुडविल एंबेसडर नियुक्त किया गया था. वही वे आज भी अपनी एक नयी ऊर्जा के साथ सरकारी विज्ञापनों में नजर आते है. अमिताभ बच्चन भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वछ भारत अभियान से भी जुड़े हुए है. जिसमे वे स्वच्छता के प्रति लोगो को नयी दिशा प्रदान कर रहे है. 

उनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो उन्होंने 3 जून 1973 को जया बहादुरी को अपना जीवन साथी बनाकर अपना नाम दिया. वही उनके दो बच्चे भी है. जिनमे पुत्र अभिषेक बच्चन फिल्म इंडस्ट्री के एक जाने माने अभिनेता है. वही श्वेता नंदा नाम की एक बेटी भी है. एक अभिनेता होने के साथ साथ बच्चन जी एक समाज सेवक और कविता प्रेमी भी है. 

अमिताभ बच्चन एक ऐसा नाम है, जिसके बारे में जितना कहा जाये कम है. उन्होंने कलाजगत से ऊपर उठकर समाज को एक नया मार्गदर्शन दिया है. अपनी जिंदगी के 73 वर्ष पुरे कर लेने पर आज भी वे कला जगत में अपनी भूमिका निभा रहे है. साथ ही बेहतर समाज का निर्माण करने में अपना योग दान दे रहे है. अमिताभ एक ऐसा नाम है, जो बच्चो में बच्चे बन जाते है, और बड़ो में बड़े. वही समाज व देश के लिए एक प्रेरणा की तरह काम करते है. हम उनके लिए जितना कहे वह शायद कम पड़ जायेगा, किन्तु अमिताभ बच्चन अपने पिता की निखारी हुई एक ऐसी कविता की तरह है, जिन्होंने फिल्म जगत के साथ साथ देश के ऊपर भी एक अमिट छाप छोड़ी है. 

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