वैशाली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर बिहार में चुनावी आम सभा को संबोधित करते हुए सत्तापक्ष को लेकर विरोध जताया। हाजीपुर विधानसभा के लिए उनकी चुनावी सभा जलालपुर मैदान में आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति की बातें कर रहे हैं मगर भाजपा राज्य में होने वाले विकास कार्यों की बात कर रही है। अब तो वह समय नहीं रहा कि नेता जातीय नारे लगाकर जनता को गुमराह करते रहें। भारतीय जनता पार्टी विकास की बात कर रही है। यह वर्ष 2015 का चुनाव है। जनता जातीय संकीर्णताओं से बहुत उपर उठकर केवल विकास ही देखना चाहती है। सभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि भाजपा को पांच साल दे दीजिए बिहार को पार्टी आगे ले जाएगी।
जलालपुर मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लालू और नीतिश का जंगल राज 15 वर्षों से चल रहा है। मगर अब भाजपा विकास के नए मायने लेकर जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि नीतिश तो भाजपा के ही सहयोग से मुख्यमंत्री बने लेकिन लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा अति पिछड़ी जाति में आनेवाले और चाय विक्रय करने वाले के पुत्र नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया तो वे ईष्या से जल गए।
भारतीय जनता पार्टी से 17 वर्षों का रिश्ता तोड़ दिया गया। लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि दलितों और पिछड़ों की आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं था। विरोधी भाजपा को दलितों की स्थिति बदहाल होने के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं लेकिन लालू के कार्यकाल में भी दलित और पिछड़ों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दिए गए राहत पैकेज की बात कही और कहा कि राज्य सरकार ने इसका लाभ जनता को नहीं उठाने दिया। उन्होंने राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर भी टिप्पणी की और कहा कि नीतिश के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो गई है। अमित की आमसभा खचाखच भरी हुई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग मोदी का समर्थन करते हुए नारेबाजी कर रहे थे।