पं. नेहरू की भूल का परिणाम है कश्मीर समस्या
पं. नेहरू की भूल का परिणाम है कश्मीर समस्या
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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी की और आरोप लगाया कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए उन्होंने एतिहासिक भूल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के विभाजन हेतु तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व की भी उन्होंने आलोचना की। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 1948 में संघर्ष विराम करने की घोषणा की बात कही और कहा कि पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्र में हमलावर को कश्मीर से खदेड़ दिया गया।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यदि इस मामले में किसी तरह का निर्णय नहीं दिया गया तो फिर जम्मू-कश्मीर को लेकर आज परेशानी सामने नहीं होती। नेहरू स्मृति संग्रहालय एवं पुस्तकालय में एक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कहा गया कि संघर्ष विराम की घोषणा हो गई मगर देश के किसी भी नेता ने इस तरह की कोई भूल नहीं की।

अमित शाह ने कहा कि यदि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संघर्ष विराम की घोषणा नहीं की होती तो फिर कश्मीर का मसला सामना नहीं होता। इस मामले में अमित शाह ने दावा किया कि नेहरू ने अपनी इमेज को सुधाने हेतु इस तरह की बात कही थी। मगर इस तरह का निर्णय काफी दुखद था और इस निर्णय के कारण आज तक कश्मीर समस्या चल रही है। हालात ये हैं कि आज भी कश्मीर का एक भाग पाकिस्तान के समीप है।

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