वैश्विक साख निर्धारक एजेंसी मूडीज ने हाल ही में यह बात सामने रखी है कि जहाँ एक तरफ अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर फैसला सामने आने वाला है तो वहीँ इसके बढ़ने का असर इमर्जिंग मार्केट पर भी देखने को मिल सकता है. मूडीज का आगे यह भी कहना है कि कई देशो की अर्थव्यवथा ऐसी बनी हुई है जहाँ ग्रोथ को लेकर दबाव देखने को मिल रहा है. और यदि ऐसे में कोई बाहरी दबाव इनपर पड़ता है तो ये उस दबाव को सहन नहीं कर पाएंगे. और यदि ऐसा होता है तो इसका सीधा असर इन देशों की ग्रोथ पर पड़ सकता है.
मूडीज का कहना है कि यदि फ़ेडरल रिज़र्व के द्वारा अमेरिका में ब्याज दरों को केवल 0.25 फीसदी भी बढ़ाया जाता है. तो भी विदेशी निवेश के प्रवाह में उतार-चढाव देखने को मिल सकता है. लेकिन साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जैसे ही फ़ेडरल रिज़र्व की रिपोर्ट सामने आती है वैसे ही बाजार में चल रही अनिश्चितता को भी लगाम लगेगी.
मूडीज ने कहा है कि जिन देशों एक इमर्जिंग मार्केट पर सबसे अधिक असर देखने को मिलने वाला है उनमे ब्राजील, रूस और तुर्की सबसे अहम है. लेकिन आपको साथ ही यह भी बता दे कि मूडीज की इन रिपोर्ट्स में कही भी भारत पर हो रहे असर के बारे में नहीं लिखा गया है.