मिली जानकारी के मुताबिक़ सूचित किया जा रहा है की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए मास्टर्स की परीक्षा में 50 फीसदी अंक हासिल होने पर सीधे शामिल होने की छूट दी है.
अब तक ये सीमा 55 फीसदी थी. नेट के जरिये विश्वविद्यालयों और इनके मान्यता प्राप्त कॉलेजों में शिक्षक और अन्य अकादमिक पदों पर नियुक्तियां होती हैं. सरकार ने यूजीसी के इस प्रस्ताव पर भी हामी भरी है जिसमें कहा गया है कि कि डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के अलावा प्रमोशन में भी आरक्षित वर्ग को छूट दी जाय. इनको अधिकतम उम्रसीमा में भी तीन साल की रिआयत मिलेगी.
यानी पचास साल से पहले तक उनको अपेक्षित प्रमोशन मिल जाना चाहिए. इसके अलावा रिजर्व कोटा के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटें ना भरने पर उनको डीरिजर्व करने पर पाबंदी होगी. यानी कोटे की सीटें ना भरने की स्थिति में उन खाली सीटों पर जनरल वर्ग की नियुक्ति नहीं हो सकेगी.
यूजीसी ने ये भी साफ कर दिया है कि बैकलॉग यानी पिछले सालों के खाली पदों को भरने में 50 फीसदी की कोटा सीमा भी नहीं मानी जाएगी. उन पर भर्ती हो सकेगी.