Jul 29 2016 07:17 AM
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी में सरकारी अफसरों की मिलीभगत से माफियाओं द्वारा नदियों में किये जा रहे अवैध बालू खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है.
साथ ही कोर्ट ने इस मामले की मानीटरिंग भी खुद ही करने का फैसला किया है. कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले की पहली प्रोग्रेस रिपोर्ट छह हफ्ते में कोर्ट में पेश करने को कहा है. कोर्ट ने कहा, यूपी के ज़्यादातर हिस्सों में माफियाओं और अफसरों का रैकेट अवैध तरीके से खनन करा रहा है और सरकार इस बारे में कहीं भी खनन न होने का हलफनामा देकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
एक्टिंग चीफ जस्टिस वीके शुक्ल और जस्टिस एमसी त्रिपाठी की डिवीजन बेंच ने फैसले में कहा है कि यूपी सरकार द्वारा अवैध बालू खनन के काम को बंद कराए जाने के काम में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के बाद इस मामले में सीबीआई जांच के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है.
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