इलाहाबाद उच्च न्यायालय : क्यों दलित विद्वान कंवल भारती को असाधारण मुआवजा न मिले
इलाहाबाद उच्च न्यायालय : क्यों दलित विद्वान कंवल भारती को असाधारण मुआवजा न मिले
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इलाहाबाद : शुक्रवार को यूपी सरकार से अपने एक प्रश्न के तहत इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूछा की क्यों दलित विद्वान कंवल भारती को असाधारण मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगे कहा की दलित विद्वान कंवल भारती का नाम कथित रूप से वरिष्ठ मंत्री और उत्तरप्रदेश में अखिलेश सरकार में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के इशारे पर राजनीतिक रूप से प्रेरित एक प्राथमिकी में दर्ज किया गया था।  

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अरूण टंडन व विपिन सिन्हा जो की न्यायमूर्ति है तथा इनकी खंडपीठ ने प्रधान सचिव (गृह) से 5 अगस्त 2013 को सिविल लाइंस थाने में दलित विद्वान कंवल भारती के विरुद्ध दर्ज मामले पर अपनी और से इसके लिए निजी जाँच की बात को दोहराई है।

गौरतलब है की उत्तरप्रदेश के वरिष्ठ मंत्री और अखिलेश सरकार में समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान के एक निकटतम व्यक्ति ने दलित विद्वान कंवल भारती के एक फेसबुक पोस्ट से अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के तहत पुलिस थाने में अपनी और से एक प्राथमिक दर्ज कराई थी.  

 

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