दाढ़ी रखने पर कैंप से बाहर किए गए छात्रों का आइसा ने किया समर्थन
दाढ़ी रखने पर कैंप से बाहर किए गए छात्रों का आइसा ने किया समर्थन
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मीडिया इंडस्ट्री को कई बेहतर रिपोर्टर प्रदान करने वाली देश की विख्यात यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया है जहां पर दस छात्रों को दाढ़ी रखने पर एनसीसी कैंपस से बाहर कर दिया था. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है  इस मामले को लेकर आइसा ने विरोध दर्ज कराया है. जी हाँ इस मामले को लेकर वामपंथी छात्र संगठन आइसा का कहना है कि किसी धर्म में यदि दाढ़ी रखने का नियम है, तो उस पर आपत्ति जताना गलत है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दस छात्रों को दाढ़ी रखने पर एनसीसी कैंपस से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद इसका विरोध तेज हो गया है और अब छात्रों की इस लड़ाई में वामपंथी विचार धारा से प्रभावित छात्र संगठन भी कूद पडा है. उन्होंने इस प्रकार से यूनिवर्सिटी में दस छात्रों के साथ किए गए बर्ताव पर आपत्ति ली है और इस प्रकार के बर्ताव को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से छात्रों से माफ़ी मांगने को कहा है    

इसको लेकर आइसा के दिल्ली प्रदेश प्रभारी नीरज कुमार के मुताबिक, पिछले दिनों रोहिणी में एनसीसी का कैंप लगाया था। इसमें जामिया के दस मुस्लिम छात्र कैडेट के रूप में शामिल थे। उक्त कैडेट्स ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी, जिसके चलते उन्हें कैंप से बाहर कर दिया गया। उक्त कैडेट्स को कहा गया था कि वे अपनी दाढ़ी काट लें, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. आइसा पदाधिकारियों का कहना है कि मुस्लिम अपने नियम के तहत यदि दाढ़ी रखते हैं तो यह उनका निजी मामला है. ऐसे में उन्हें कैंपस से बाहर करना गलत है.

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