मणिपुर से भी सत्ता छीनने का डर सता रहा कांग्रेस को
मणिपुर से भी सत्ता छीनने का डर सता रहा कांग्रेस को
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नई दिल्ली : कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन पहले अरुणाचल प्रदेश और फिर उतराखंड में सियासी बागडोर हाथ से जाने के बाद कांग्रेस को डर सता रहा है। इसी को देखते हुए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने मणिपुर के सीएम ओकराम इबोबी सिंह से फोन पर बात और सलाह-मशविरा किया।

कहा जा रहा है कि बीजेपी का अगला लक्ष्य मणिपुर है, वहां भी कांग्रेस के हाथों से बागडोर छीन सकती है। इबोबी ने कुछ मंत्रियों को पद से हटा दिया था। सरकार के इसी फैसले को बागी विधायकों ने चुनौती दे दी है। कहीं इसका भी हश्र अरुणाचल व उतराखंड जैसा न हो, इसलिए आलाकमान ने शांति बनाए रखने की कोशिश की है।

उतराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बायन जारी कर कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या है। यह संवैधानिक नियमों का उल्लंघन है। दूसरी ओर बीजेपी इसे कांग्रेस मुक्त भारत का एजेंडा बता रही है। कांग्रेस इस मामले को कानूनी रुप से सुलझाने की बात भी कह चुकी है।

इतना ही नहीं विपक्ष को कर्नाटक व हिमाचल से भी सत्ता छीनने का डर है। हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह पर कानूनी और राजनीतिक तौर पर दबाव बनाकर उन्हें सत्ता से बेदखल किया जा सकता है तो दूसरी तरफ कर्नाटक में उपचुनावों में मिली हार के बाद सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ विरोध की आवाजें उठने लगी हैं।

2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई थी, तब कांग्रेस का 11 राज्यों में शासन था और अब मात्र 7 राज्यों पर कांग्रेस की हुकुमत है। जिनमें केरल, कर्नाटक, असम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम व मेघालय शामिल है। बीजेपी के हिस्से में 9 राज्य है, जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल, हरियाणा, छतीसगढ़ व झारखंड शामिल है।

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