30 साल बाद अमेरिका और भारत के रिश्ते में नया अध्याय जोड़ेगा हॉवित्जर
30 साल बाद अमेरिका और भारत के रिश्ते में नया अध्याय जोड़ेगा हॉवित्जर
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नई दिल्ली : अमेरिका और भारत के रिश्ते में 30 साल बाद एक नया अध्याय जुड़ने वाला है, ये अध्याय भारत द्वारा अमेरिका से 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप खरीदने से जुड़ने वाला है। इस डील पर मुहर सोमवार को लगी। यह डील 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा की होगी। इस डील को अंतिम रुप देने में 180 दिनों का वक्त लग सकता है।

30 साल पहले स्वीडेन ने भारत से बोफोर्स तोंपे खरीदी थी, इस डील में कमीशन को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद से भारत और अमेरिका के बीच बात तो कई बार हुई, लेकिन वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए। पेंटागन ने हॉवित्जर तोपों से संबंधित डील का लेटर इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री को भेज दिया है।

इन तोपों की पहली खेप भारत को सीधे तौर पर भेजी जाएगी। इसके बाद की तोपें तीन साल के अंदर भारत में ही तैयार की जाएंगी। इस डील के अहम होने का एक कारण यह भी है कि अमेरिकता ने हाल ही में पाकिस्तान को 8 एफ-16 फाइटर जेटस बेचने का फैसला किया था। इस डील के बाद भारत को हथियारों की सप्लाई करने वाला अमेरिका सबसे बड़ा देश बन जाएगा।

हॉवित्जर की विशेषता यह है कि यह दूसरी तोंपो के मुकाबले हल्का है। इसके निर्माण में ज्यादातर टाइटेनियम का प्रयोग हुआ है। इसकी मारक क्षमता 25 किमी है। उम्मीद है कि भारत इन तोंपो को 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है।

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