3 महीने बाद 'कांग्रेस' को आई 'INDIA' की याद ! निमंत्रण मिलने के बावजूद उमर अब्दुल्ला निराश, गठबंधन के अस्तित्व को लेकर कही बड़ी बात
3 महीने बाद 'कांग्रेस' को आई 'INDIA' की याद ! निमंत्रण मिलने के बावजूद उमर अब्दुल्ला निराश, गठबंधन के अस्तित्व को लेकर कही बड़ी बात
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नई दिल्ली: तीन हिंदी प्रदेशों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने INDIA गठबंधन के अस्तित्व पर चिंता व्यक्त की है। दरअसल, 26 विपक्षी दलों का ये गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए बना था, लेकिन इसमें अभी से ही काफी अंतरकलह देखने को मिल रही है, कई सियासी दल, कांग्रेस के अहंकारी रवैये से नाराज़ चल रहे हैं। इसी को लेकर उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी गुट और उससे संबद्ध राजनीतिक दलों की उपेक्षा करने के लिए कांग्रेस की निंदा की है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अविश्वसनीय प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि, 'भाजपा को बधाई दी जानी चाहिए, क्योंकि हमें इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी। हम अपने सहयोगियों से सुन रहे थे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आसानी से सत्ता में आ जाएगी, वे मध्य प्रदेश में भी जीत हासिल करेंगे, वे तेलंगाना में भी आश्वस्त थे और वे यहां तक ​​कह रहे थे कि अंत में, वे राजस्थान में भी विजयी होंगे।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यकीन था कि वह तेलंगाना में अपनी सरकार स्थापित करेगी और परिणाम घोषित होने पर ही दक्षिणी राज्य में उनका दावा कायम रहेगा। अब्दुल्ला ने कहा कि, "न तो वे छत्तीसगढ़ को बचा सके, न ही मध्य प्रदेश को वापस जीत सके और न ही वे राजस्थान में फिर से जीत हासिल कर सके।"

 

उन्होंने आगे कहा कि, 'यदि आप मध्य प्रदेश को देखें तो कमल नाथ थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उसे छोड़ दें तो करीब 20 साल तक भाजपा सत्ता में रही। यह भाजपा का पांचवां कार्यकाल है। यह बहुत बड़ी जीत है। अब्दुल्ला ने कहा कि  '6 दिसंबर को, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ INDIA गठबंधन के नेताओं को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने तीन महीने बाद गुट को वापस बुला लिया। चलो देखते हैं।' नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष विपक्ष की संभावनाओं के बारे में आशावादी नहीं दिखे और कहा कि, 'मैं कुछ नहीं कह सकता। INDIA की स्थिति विधानसभा चुनाव में गठबंधन, अगर आगे भी ऐसा ही चलता रहा तो हम खुद को नहीं बचा पाएंगे।'

उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को मध्य प्रदेश में टिकट न दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। अब्दुल्ला ने कहा कि, 'कांग्रेस मध्य प्रदेश की जमीनी स्थिति को समझ नहीं पाई। यदि उन्होंने अखिलेश यादव को 5-7 सीटें दे दी होती तो वे क्या खो देते।' उन्होंने सवाल किया और कहा कि, 'वे तो हार ही गए हैं। संभव था कि यदि अखिलेश यादव को कुछ सीटें दे दी गईं, तो हम मध्य प्रदेश में खुद को थोड़ा बचा सकते हैं। अब नतीजे आ गए हैं।' अब्दुल्ला ने कहा कि, 'कौन सा तूफ़ान आया होगा? अब उन्होंने क्या जीता? नतीजे अब सबके सामने हैं।'' उन्होंने इस मुद्दे पर जवाब दिया कि क्या उनकी पार्टी INDIA के साथ चुनाव लड़ने जा रही है, "जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में NC अपने दम पर खड़ी होगी।'

बता दें कि, चुनावी नतीजों को बीच कांग्रेस को भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए बनाए गए भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) की याद आई है। दरअसल, बीते 2-3 महीनों से विधानसभा चुनावों के प्रचार में लगी कांग्रेस एक तरह से INDIA गठबंधन को भूल ही चुकी थी, बिहार के सीएम नितीश कुमार ने भी सबसे पुरानी पार्टी पर यही आरोप लगाया था। उनका कहना था कि, कांग्रेस इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रही है। वहीं, मध्य प्रदेश चुनावों में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव में जबरदस्त कहासुनी देखने को मिली थी, कमलनाथ ने सपा प्रमुख को अखिलेश-वखिलेश कह दिया था, जबकि दोनों पार्टियां INDIA गठबंधन की दोस्त पार्टियां थीं। लेकिन उस समय अतिआत्मविश्वास में कांग्रेस ने अपने साथियों का अपमान कर दिया था। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) भी कांग्रेस से नाराज़ है और लोकसभा चुनावों में अकेले ताल ठोंकने का मन बना चुके हैं। अभी तक कांग्रेस इनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही थी। शायद उसे लग रहा था कि, चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद अन्य पार्टियां खुद ही उसके पास आ जाएंगी और वो गठबंधन में बिग ब्रदर बन जाएगी, लेकिन अब पास उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है और देश पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली पार्टी को अब क्षेत्रिय पार्टियों के साथ सहयोग करके और उनको साथ लेकर चलने की जरुरत महसूस हो रही है। 

बता दें कि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा उनकी पार्टी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि, मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने हमसे राज्य में हमारे प्रदर्शन के बारे में पूछा। हमने उन्हें बताया कि हमने कितनी सीटें जीतीं और कब जीतीं, साथ ही किन सीटों पर हम दूसरे नंबर पर रहे। हमने व्यापक चर्चा की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओं को रात एक बजे भी जगाया। उन्होंने हमें छह सीटों का आश्वासन दिया। हालाँकि, जब सूचियाँ घोषित की गईं, तो समाजवादी पार्टी के लिए शून्य सीटें थीं।'

इस बीच, 6 दिसंबर को विपक्षी गुट के नेता, जिसमें 26 राजनीतिक दल शामिल हैं, 2024 के लोकसभा चुनावों की योजना तैयार करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित घर पर इकट्ठा होने वाले हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, उम्मीद है कि ये नेता बैठक कर चुनाव से पहले भाजपा से लड़ने की रणनीति तय करेंगे। 

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