श्रृद्धा के 35 टुकड़े करने वाला आफताब जेल में करता है बिसलेरी पानी और नए कपड़े की डिमांड, बोला- 'हाँ, हो गई मुझसे गलती, अब क्या मर जाऊँ?'
श्रृद्धा के 35 टुकड़े करने वाला आफताब जेल में करता है बिसलेरी पानी और नए कपड़े की डिमांड, बोला- 'हाँ, हो गई मुझसे गलती, अब क्या मर जाऊँ?'
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पालघर: महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली श्रद्धा वाकर को मार कर 35 टुकड़ों में फेंक देने वाले आफताब अमीन पूनावाला को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। आफताब अमीन पूनावाला जेल में आज कल श्रद्धा की हत्या में दाखिल की गई 6 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट को पढ़ कर अपना वक़्त निकाल रहा है। जेल अफसरों ने बताया कि आफताब को गिरफ्तार हुए तकरीबन एक साल हो गया है मगर उसने कभी भी श्रद्धा के क़त्ल पर कोई पछतावा नहीं जताया। उससे जेल में उसके परिवार से भी कोई मिलने नहीं आता। इस मामले में जाँच अफसर रहे राम सिंह ने बताया कि आफताब मुंबई पुलिस को भी पूछताछ में गुमराह करता रहा था। जाँच अफसर सिंह ने बताया कि आफताब गुस्सैल भी है। उसने आज तक इस बात पर दुख नहीं जताया कि उसने श्रद्धा की हत्या करके जान ले ली। उसने जाँच के चलते एक दिन कहा था: “हाँ, मुझसे गलती हुई, हो गई मुझसे गलती। अब क्या मर जाऊँ?” बता दे कि आफताब ने 18 मई 2022 को श्रद्धा को मार दिया था तथा उसकी लाश के 35 अलग-अलग टुकड़े करके फ्रिज में स्टोर किया था। बाद में इन्हें उसने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में फेंके थे। उसने श्रद्धा की हड्डियों तक को पीस दिया था तथा रोड पर फेंक दिया था। उसे दिल्ली पुलिस ने 14 नवम्बर को श्रद्धा के पिता की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया था।

वही इतने खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले आफताब को अपने इस घिनौने काम पर कोई पछतावा नहीं है। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, वह तिहाड़ की जेल नम्बर 4 की 15 नम्बर सेल में चुपचाप रहता है। वह यहाँ चार्जशीट पढ़ता रहता है। वह कभी-कभार बोतलबंद पानी भी माँगता है। रिपोर्ट के अनुसार, आफताब को 5 दिसम्बर 2023 को दिल्ली की एक कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत वर्तमान में इस मामले की सुनवाई करते हुए 3 गवाहों के बयान दर्ज कर रहा था। इसमें वह डॉक्टर भी सम्मिलित है, जिन्होंने श्रद्धा के शरीर के हिस्सों का पोस्टमॉर्टम किया था। कहा जा रहा है कि आफ़ताब जब से जेल पहुँचा है, तब से उसका 15 किलोग्राम वजन घट गया है। साकेत अदालत में बनाए गए लॉकअप में वह कुछ खाता भी नहीं है। वह सिर्फ अपने साथ ले गए बिस्किट खाकर ही काम चलाता है। उसे डर है कि उसके खाने में जहर मिला दिया जाएगा। यह खबर आफताब पर नजर बनाए रखने वाले एक अफसर ने दी है।

वह जेल के अंदर बोतलबंद पानी और नए कपड़े माँगता रहता है। हालाँकि, जेल के नियमों के मुताबिक, उसे इनमें से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती है। जेल में उसे वही चीजें उपलब्ध करवाई जाती हैं, जो अन्य कैदियों को दी जाती हैं। आफताब इसलिए अपने खाने में जहर मिलाए जाने की आशंका जताता है क्योंकि जब उसे पहली बार अदालत लाया गया था, तब वकीलों ने उसकी पिटाई कर दी थी। उसे जेल में भी अन्य कैदियों ने मारा था। इसीलिए वह तब से डरा हुआ है। जेल में आने के पश्चात् आफ़ताब ने एक बार टेलीफोन के जरिए सिर्फ अपने पिता से बात की है। इसके अतिरिक्त ना ही उसने किसी से फ़ोन पर बात की है, ना उससे कोई मिलने आया है। इस मामले में अधिवक्ता सीमा कुशवाहा का कहना है कि आफ़ताब सुनवाई को लटकाने का प्रयास भी कर रहा है। उसने अब तक 3 अधिवक्ता बदले हैं। वर्तमान में अक्षय भंडारी नाम का एक अधिवक्ता आफताब का केस लड़ रहा है। जब भी नया अधिवक्ता आता है तो वह सुनवाई में यह कहता है कि उसे चार्जशीट पढ़ने और केस को समझने के लिए थोड़ा समय चाहिए, इसी वजह से सुनवाई में देर हो रही है।

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