आजकल बच्चे इतने ज्यादा खेलते कूदते नजर नहीं एते और दिन भर गेम या टीवी के सामने ही बैठे रहते हैं और इसी कारण मोटापे और अन्य छोटी मोती बिमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. एक नए अध्ययन के मुताबिक निष्क्रियता के कारण किशोरों की हड्डियां भी कमजोर हो सकती है. शोधकर्ताओं ने इसके लिए स्वस्थ हड्डियों के विकास के लिए सबसे खास उम्र (10 से 14 साल लड़कियों के लिए और 12 से 16 साल लड़कों के लिए) के 300 किशोरों पर चार साल तक उनकी शारीरिक गतिविधियों और हड्डियों की मजबूती का अध्ययन किया। इसी उम्र के दौरान इंसान के कंकाल का 36 प्रतिशत तक का गठन होता है, और शारीरिक गतिविधि के लिए हड्डी विशेष रूप से उत्तरदायी होती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो किशोर कम सक्रिय थे उनकी हड्डियां कमजोरथी और हड्डी की ताकत फ्रैक्चर को रोकने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. जो किशोर सिर्फ बैठे रहते हैं वे हड्डियों की ताकत को बढ़ावा देने के तरीकों नहीं अपनाते हैं इसलिए उनकी हडियों का ठीक से विकास नहीं होता है। यही वजह है कि किशोरों को चलना कूदना और सॉकर, फ्रिसबी और बास्केटबॉल जैसी खेलों में संलग्न होना जरूरी है ताकि उनकी हड्डियों को स्ट्रेंथ मिले।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, घर पर नृत्य करना, पार्क में खेलने, पेट्स का पीछा करना या छलांग और रस्सी कूदने जैसे आसान तरीकों से भी हड्डियों का सही विकास होता है। माता-पिता और देखभाल करनेवालों को किशोर के टीवी के आगे बिताये गए समय को सीमित करना चाहिए और एक सक्रिय जीवन शैली के लिए खुद एक अच्छा मॉडल साबित होने की कोशिश करनी चाहिए।
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