तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा, आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा, आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन
Share:

यह समय वो था, भारत भर में अंग्रेज़ों ने अत्याचार का साम्राज्य फैला रखा था, उस समय बंगाल से एक चिंगारी फूटी थी, जिसका नाम था नेताजी सुभाष चंद्र बोस,  जब भारत स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत था और नेताजी आज़ाद हिंद फ़ौज के लिए कार्यरत थे तब आज़ाद हिंद फ़ौज में शामिल होने आए सभी युवक-युवतियों को संबोधित करते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कहा था, "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।"

इसके जवाब में आवाज़ आई कि 'हम अपना खून देने को तैयार हैं, सभा में बैठे हज़ारों लोग हामी भरते हुए प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर करने उमड़ पड़े। नेताजी सुभष चंद्र बोस ने उन्हें रोकते हुए कहा कि, "इस प्रतिज्ञा-पत्र पर साधारण स्याही से हस्ताक्षर नहीं करना हैं, वही युवक आगे आए जिसकी रगो में सच्चा भारतीय खून बहता हो, जिन्हें अपने प्राणों से प्रेम न हो, और जो आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व त्यागने को तत्पर हो़ं।"

नेताजी की बात सुनकर सबसे पहले 17 भारतीय युवतियां आगे बढ़ीं और अपनी कमर पर लटकी हुई छुरियां निकाल कर, झट से अपनी उंगलियों पर छुरियां चला दीं और अपने रक्त से प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया। नेताजी द्वारा वीरांगना महिलाओं के लिए रानी झांसी रेजिमेंट का गठन किया गया जिसकी कैप्टन लक्ष्मी सहगल को बनाया गया। इसी आज़ाद हिन्द फ़ौज ने आक्रमण करके अंग्रेज़ों से अंडमान और निकोबार द्वीप जीत लिए थे और नेताजी ने द्वीप को शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप नाम दिया था।

ये भी पढ़ें:-

ना कभी कोई चुनाव लड़ा और ना ही किया कोई पद स्वीकार, फिर भी आज हर मराठी के दिल में है इनका राज

बाला साहेब ने कुछ इस तरह की थी बॉलीवुड के महानायक की मदद

सुभाष चंद्र बोस की अद्भुत प्रेम कहानी, इस महिला से अंतिम सांस तक प्यार करते रहे नेताजी

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -