नई दिल्ली: एक स्टडी में कहा गया है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते। स्टडी में यह भी पाया गया है कि इन वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी प्रतिभागियों में स्पर्म्स का स्तर अच्छा बना रहा। गुरुवार को जामा पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी में 18 से 50 वर्ष के 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों को फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन लगने थे।
इन स्टडी में उन लोगों को बाहर रखा गया था, जिन्हें 90 दिन पहले तक कोरोना का संक्रमण हुआ था या उसके लक्षण पाए गए थे। स्टडी में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की जाँच कर यह सुनिश्चित किया गया था कि उन्हें पहले से ही किसी तरह की प्रजनन समस्या ना हो। स्टडी में शामिल पुरुषों के पहली खुराक लेने के 2 से 7 दिन पहले और दूसरी डोज़ के लगभग 70 दिनों के बाद इन लोगों के स्पर्म के सैंपल लिए गए। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइन्स के आधार पर प्रशिक्षित विशेषज्ञों (एंड्रोलॉजिस्ट) ने कई मानकों पर शुक्राणुओं का विश्लेषण किया।
इसमें स्पर्म की मात्रा, शुक्राणु गतिशीलता और कुल गतिशील शुक्राणुओं की संख्या (TMSC) मापी गई। रिसर्चर्स को टीकों से पहले और बाद में शुक्राणुओं में किसी भी प्रकार की गिरावट नहीं दिखी। स्टडी की शुरुआत में शुक्राणु एकाग्रता 26 मिलियन/मिलीलीटर और कुल गतिशील शुक्राणुओं की तादाद 36 मिलियन थी। वैक्सीन की दूसरी डोज़ के बाद, औसत शुक्राणु सांद्रता (Concentration) बढ़कर 30 मिलियन/ML और औसत TMSC 44 मिलियन हो गई।
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