नवरात्रि शुरू होने को है, ऐसे में हर जगह इस पर्व को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है। जो लोग अपने जीवन में पैदा हो रही परेशानी से परेशान है, उनके लिए यह खास मौका भी हो सकता है। क्योंकि, अगर इन नौ दिनों तक आपने सही तरीके से माता कि आराधना कर ली, तो निश्चित ही आपकी सारी परेशानियों का अंत, इन नौ दिनों के भीतर ही हो जाएगा। अगर आप भी अपने मन में कोई मन्नत रखते हैं, तो उसे पूरा करने के लिए अब वह खास दिन आ गया है। बस इसके लिए जरूरी है, कि आप कुछ विधि विधान से इन नौ दिनों तक माता कि आराधना करें जिसका फल आपको जरूर मिलेगा।
वैसे तो यह नवरात्री 18 मार्च को शुरू हो रही है और 25 मार्च के दिन अष्टमी और नवंमी दोनो ही मनायी जाएगी। अब बात करते हैं, कि इन नौ दिनों तक ऐसा क्या करें? जिससे माता खुद आपसे प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना पूरी करे। और आपको मनवांछित फल प्रदान करें, तो चलिए जानते हैं इन नौ दिन तक माता कि आराधना कैसे करें?
यहां पर हम आपको कुछ ऐसे मंत्र बताने जा रहे है, जिसका हर दिन अपना अलग महत्व होता है, अगर आपने माता कि पूजा करते समय इन मंत्रो का प्रयोग किया, तो नौ दिन के भीतर ही आपकी सारी समस्याओं का अंत निश्चित ही हो जाएग। अब चलिए जानते हैं आखिर कौन से वह नौ मंत्र है जो आपकी मनोकामना को पूरा करने में सहायक है?
पहला नवरात्र – मां शैलपुत्री
इस दिन मां के शैलपुत्री रूप की पूजा अर्चना की जाती है। शैलपुत्रि को सफेद रंग खूब भाता है।
मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:’
दूसरा नवरात्र – मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी को संयम, तप, वैराग्य तथा विजय प्राप्ति की देवी कहा जाता है।
मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’
तीसरा नवरात्र – मां चंद्रघंटा
मां भगवती का तीसरा रूप चंद्रघंटा देवी का होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए होती है।
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:’
चौथा नवरात्र – मां कुष्मांडा
नवरात्र का चौधा दिन कुष्मांडा देवी का होता है। अच्छे स्वास्थय और रोगों से मुक्ति की कामना के लिए कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है।
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नम:’
पांचवा नवरात्र- मां स्कंदमाता
मां का पांचवा रूप स्कंदमाता का होता है। मां स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व होता है। मोक्ष, सुख संपति के लिए मां के इस रूप की पूजा की जाती है।
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:’
छठा नवरात्र – मां कात्यायिनी
नवरात्र के नौ पवित्र दिनों में छठे दिन मां कात्यायिनी की पूजा की जाती है। मां भगवती के इस रूप को रोग, शोक और दुखों से निवारण पाने के लिए पूजा जाता है।
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:’
सांतवा नवरात्र – मां कालरात्रि
मां भगवती के सांतवा रूप कालरात्रि देवी है। ये सभी रूपों में सबसे भंयकर और शक्तिशाली रूप है। इस दिन दुश्मनों का नाश और दुखों को समाप्त करने की लिए पूजा करते हैं.
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:’
आंठवा नवरात्र – मां महागौरी
नवरात्र के आंठवे दिन महागौरी की पूजा की जाती है. कुछ लोग आंठवे दिन ही कन्या पूजन करते हैं। महागौरी की पूजा करने से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:’
नौवा नवरात्र – मां सिद्धिदात्री
नौवां दिन नवरात्र का आखिरी दिन होता है। इस दिन भोग में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस दिन संपूर्ण मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए पूजा अर्चना की जाती है।
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