आभूषण बाजारों में वस्तु आपूर्ति मानक तय होगा
आभूषण बाजारों में वस्तु आपूर्ति मानक तय होगा
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सिंगापुर : डी.एम.सी.सी. के सी.ई.ओ. गौतम सशीतल के अनुसार भारत की रत्न व आभूषण निर्यात परिषद (जी.जे.ई.पी.सी.) सोना व हीरा कारोबार के लिए वस्तु आपूर्ति मानक तय करने के लिए दुबई मल्टी कमोडिटीज सैंटर (डी.एम.सी.सी.) के साथ मिलकर काम कर रही है.

जानिए जी.जे.ई.पी.सी. के बारे में - जी.जे.ई.पी.सी. देश के रत्न व आभूषण उद्योग का शीर्ष संगठन है जिसे वाणिज्य मंत्रालय ने स्थापित किया है. यह क्षेत्र के लगभग 6000 निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है. डी.एम.सी.सी. में 2500 भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि सूरत का उद्योग हमारे हीरों को तराशने आदि का काम करता है जबकि भारत हमारे सबसे बड़े स्वर्ण आभूषण बाजारों में से एक है.

वस्तु आपूर्ति मानक - किसी कंपनी में कच्चे माल के इन-आउट का प्रबंधन, तैयार माल में सामग्री की आंतरिक प्रक्रिया के कुछ पहलुओं और कंपनी से बाहर और उपभोक्ता तक पहुंचने में तैयार माल के इन-आउट के साथ आपूर्ति शृंखला प्रबंधन का एक दृष्टिकोण है. ये कार्य तेजी से ऎसी अन्य संस्थाओं से आउटसोर्स किये जा रहे हैं जिनकी गतिविधियों का प्रदर्शन बेहतर और लागत प्रभावी हैं. इसका प्रभाव है ग्राहकों की मांग को संतुष्ट करने में लगे संगठनों की संख्या में वृद्धि करना, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन का उद्देश्य आपूर्ति शृंखला भागीदारों के बीच विश्वास और सहयोग में सुधार लाना है, जिससे माल की सूची की पारदर्शिता और माल के इन-आउट की गति में सुधार हो.

 

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