पेट्रोल में मिलावट पर 6 हफ्ते में जवाब दे सरकार
पेट्रोल में मिलावट पर 6 हफ्ते में जवाब दे सरकार
Share:

नई दिल्ली: पेट्रोल में हो रही मिलावट से सभी वाकिफ हैं. हर वाहन मालिक को इस मिलावट का कभी न कभी सामना करना ही पड़ता है, क्योंकि सरकार गम्भीर नहीं है.इस मामले में दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि इस बारे में पूर्व बीएसपी सांसद सीमा उपाध्याय ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है जिसकी सुनवाई हो रही है.इस याचिका में राशन दुकानों के लिए भेजे जाने वाले केरोसिन तेल के पेट्रोल पंपों में पहुँचने की शिकायत की गई थी.याचिका में हाथरस के सैदाबाद से सपा विधायक देवेन्द्र अग्रवाल के पेट्रोल पंपों में मिलावट की शिकायत भी की गई थी. आज कोर्ट ने अग्रवाल के पेट्रोल पंपों की जांच पेट्रोलियम मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेट्री से कराने का आदेश दिया.

मिलावट जैसे मसले पर गम्भीर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि दूरदराज के इलाकों में मिलावट की समस्या और भी ज़्यादा है. सरकार को वेंडिंग मशीनों में ऐसा बंदोबस्त करना चाहिए जिससे मिलावट वाला पेट्रोल बेचना नामुमकिन हो जाए.सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी कर दी कि तमाम नेताओं और प्रभावशाली लोगों को पेट्रोल पंप मिलते हैं. सब इस व्यवस्था से फायदा पाते हैं. कोई बदलाव को तैयार नहीं है.

मिलावट के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान मौजूद सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि एक बार खुद उन्हें पहाड़ी इलाके से गुजरते हुए अपनी गाड़ी में ऐसा पेट्रोल भरवाना पड़ा जो साफ तौर पर मिलावटी नज़र आ रहा था. लेकिन मजबूरी में उन्हें पेट्रोल लेना पड़ा.उनकी यह स्वीकारोक्ति देश में मिलावट की स्तिथि को उजागर कर रही है.

एस्सार आयल ने सवा साल में 5 हजार नए पेट्रोल पम्प खोलने का लक्ष्य रखा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -