शिप्रा सेवा यात्रा की रूपरेखा तैयार
शिप्रा सेवा यात्रा की रूपरेखा तैयार
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उज्जैन : शासन की नदी एवं जल संरक्षण की नीति के अनुरूप नर्मदा सेवा यात्रा की ही तर्ज पर शिप्रा सेवा यात्रा का जिले में प्रारम्भ होगा। इसके लिए शीघ्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भोपाल में एक बैठक आयोजित की जाएगी। सम्बन्धित विभाग शिप्रा सेवा यात्रा की रूपरेखा तैयार कर प्रस्तुत करें।

संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने शिप्रा सेवा यात्रा सम्बन्धी बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए। बैठक में वन, सिंचाई, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, राजस्व, उद्यानिकी, कृषि तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। नदी एवं जल संरक्षण के विशेषज्ञ श्री योगेन्द्र गिरी बैठक में विशेष रूप से उपस्थित थे।
शिप्रा नदी इन्दौर जिले के ग्राम उज्जैनी के निकट ग्राम मुंडला दोस्तार के समीप केवड़िया पहाड़ी से निकलकर इन्दौर, देवास, उज्जैन, रतलाम तथा मंदसौर जिलों में बहती हुई रतलाम जिले के आलोट के समीप चंबल नदी में मिलती है। इसकी लम्बाई 195 किलो मीटर है तथा इसमें वन मण्डल इन्दौर, उज्जैन, रतलाम की सीमा आती है।

वन विभाग द्वारा शिप्रा नदी को केन्द्र मानकर नदी के दोनों तटों पर निजी भूमि में एक-एक किलो मीटर की पट्टी तक पौधारोपण की कार्य योजना बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य नदी तट के भूमि कटाव को रोकना, तटीय वनस्पति एवं जीव-जन्तु का विकास एवं संरक्षण करना, तटों के प्राकृतिक सौन्दर्य में वृद्धि करना तथा समीपवर्ती किसानों के लिये आजीविका के साधन उपलब्ध करवाना है। शिप्रा तट पर बांस, सागौन, खमेर, यूकिलिप्टिस, आम, अमरूद, सन्तरा, जामुन, नींबू, मुनगा, आंवला प्रजाति के पौधों का पौधारोपण होगा।

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