एम्बुलेंस नहीं आने पर रिक्शे से पहुंचाया शव
एम्बुलेंस नहीं आने पर रिक्शे से पहुंचाया शव
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रायगढ़ - ओडिसा के कालाहांडी में एक पति द्वारा अपनी पत्नी की लाश अकेले ढोने की खबर की स्याही सूख भी नहीं पाई थी कि अब छत्तीसगढ़ का मामला सामने आया है. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पोस्ट मार्टम के लिए 18 घंटों तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद शव को रिक्शे से अस्पताल पहुंचाया गया.

आकाशीय बिजली की चपेट में आने हुई मौत के बाद पोस्टमार्टम हेतु ले जाने के लिए एम्बुलेंस को सूचना दी गई. एम्बुलेंस के 18 घंटों के इंतजार के बाद भी नहीं पहुंची तो परिजन शव को कपड़े में बांधकर रिक्शे में घरघोड़ा अस्पताल ले गए. घरघोड़ा पुलिस ने भी किसान के शव को घटना स्थल से अस्पताल लाने को लेकर हाथ खड़े कर दिए.

घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम भेंड्रा में 40 वर्षीय किसान रामलाल राठिया खेत में काम करने के दौरान आकाशीय बिजली का शिकार हो गया. परिजनों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी.परिजनों ने बताया कि गाड़ी के लिए उनके द्वारा पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को बार-बार फोन भी किया गया था. उसके बावजूद भी कोई पहल नहीं की गई.108 ने अपने गाइड लाइन का हवाला देते हुए शव को ढ़ोने से इंकार कर दिया. मीडिया ने जब इस मामले की जांच की तो गाड़ी से शव को भेजने की घरघोड़ा पुलिस की झूठी दलील का पोल खुली. जिसने ओडिशा के दानामांझी की याद ताजा कर दी.

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