शहडोल : यहां एक व्यक्ति को अपनी सास का शव साइकिल पर इसलिये बांधकर जलाने के लिये ले जाना पड़ा, क्योंकि देर तक किसी तरह की मदद नहीं मिल सकी थी। चुंकि सास के शव को घर में देर तक नहीं रखा जा सकता था, इसलिये व्यक्ति ने साइकिल पर बांधकर ही शव को ले जाना उचित समझा और वह बीस किलोमीटर पैदल-पैदल ही शव को ले गया।
ममला कटहरी गांव का बताया गया है। बताया जाता है कि गांव में रहने वाले गोरे सिंह गौड़ की 70 वर्षीय सास उसके घर पर ही कुछ दिनों से थी। बेटी और दामाद के घर पर कुछ दिन से बीमार चल रही थी, लेकिन उसकी मौत हो गई।
चुंकि दामाद गोरे सिंह को उसका शव, बीस किलो मीटर दूर अमिलिहा स्थित ससुराल ले जाना था, इसलिये पहले तो उसने गांव वालों से मदद मांगी, वहीं वाहन के लिये भी उसने ग्राम पंचायत से कहा था, लेकिन जब उसे मदद नहीं मिली तो साइकिल पर ही शव को बांधा और पैदल चलते हुये अमिलिहा पहुंच गया।
बताया गया है कि उसके साथ उसकी पत्नी फूलबाई और अन्य तीन लड़के भी थे, जिन्होंने साइकिल चलाने में गोरे सिंह की मदद की। अमिलिहा में महिला का अंतिम संस्कार किया गया।