बैडरूम में ना बनाये पूजा घर
बैडरूम में ना बनाये पूजा घर
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पूजा स्थल अगर वास्तु सम्मत हो तो अधिक शुभ फल देता है और जीवन के दोष समाप्त होते हैं. अधिकांश लोग पूजाघर के निर्माण में वास्तु नियमों की उपेक्षा करते हैं लेकिन कुछ बहुत छोटे उपायों के जरिए यह किया जा सकता है.

ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सुझाव.

1-पूजाघर में किसी प्राचीन मंदिर से लाई गई प्रतिमा या स्थिर प्रतिमा को स्थापित नहीं करना चाहिए.

2-पूजाघर में कलश, गुंबद इत्यादि नहीं बनाना चाहिए.

3-पूजास्थल में कभी भी धन या बहुमूल्य वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए.

4-पूजाघर में यदि हवन की व्यवस्था है तो वह हमेशा आग्नेय कोण में ही की जाना चाहिए.

5-पूजन घर की दीवारों का रंग बहुत गहरा न होकर सफेद, हल्का पीला या हल्का नीला होना चाहिए.

6-पूजाघर में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इन्द्र, सूर्य एवं कार्तिकेय का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए.

7-पूजाघर में गणेश, कुबेर, दुर्गा का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.

8-पूजाघर में प्रतिमाएं कभी भी प्रवेशद्वार के सम्मुख नहीं होना चाहिए.

9-पूजाघर कभी भी शयनकक्ष में नहीं बनवाना चाहिए. यदि परिस्थितिवश ऐसा करना ही पड़े तो वह शयनकक्ष विवाहितों के लिए नहीं होना चाहिए. अगर विवाहितों को भी उसी कक्ष में सोना पड़ता हो तो पूजास्थल को पट या पर्दे से ढंकना चाहिए अर्थात देवशयन करा देवें. लेकिन यह व्यवस्था तभी ठीक है जबकि स्थान का अभाव हो. यदि जगह की कमी नहीं है तो पूजाघर को शयनकक्ष में नहीं बनवाना चाहिए.

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