सभ्यता और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए: उपराष्ट्रपति
सभ्यता और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए: उपराष्ट्रपति
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जयपुर: आज शहर में मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में देश के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू मौजूद थे. इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित किया और कहा कि, विद्यार्थियों को डिग्री के दौरान ही योजनाओं, पंचायतों और नगर निगमों आदि से जोड़ना चाहिए, ताकि उनकी नई सोच और ज्ञान का फायदा देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने में मिले. उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए हमारे देश में अनंत संभावनाएं हैं. वे अपने विवेक से ऐसा मार्ग चुनें, जो न केवल उनके कॅरियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाए, बल्कि मानवता के कल्याण की राह भी प्रशस्त करे. 

उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करने के साथ ही संस्थान के छात्र-छात्राओं को को स्वर्ण पदक एवं विभिन्न श्रेणी में डिग्रियां प्रदान कर सम्मानित किया. उन्होंने आगे कहा कि, शिक्षा का महत्व तभी है, जब वह विद्यार्थी में सही-गलत और नैतिक व अनैतिक के बीच का अंतर समझ सकने का विवेक पैदा करे. उन्होंने कहा कि हम विश्व में कहीं भी रहें, हमें अपनी मातृ भाषा, सभ्यता और संस्कृति को हमेशा याद रखना चाहिए. 

उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि, दीक्षांत समारोह किसी संस्थान और उसके विद्यार्थियों के लिए एक महत्तवपूर्ण मील का पत्थर है, लेकिन यह शिक्षा का अंतिम पड़ाव नहीं है. उन्होंने संस्थान के छात्र-छात्राओं से कहा कि, यह याद रखें शिक्षा में कोई पूर्ण विराम नहीं होता, इसलिए अपने ज्ञान को सदैव अपडेट करते रहना चाहिए. 

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