दूध में भी होता है नशा
दूध में भी होता है नशा
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खाने के लिए मन मचलने के पीछे जानकार ऐसे खाद्य पदार्थों में एक्सोर्फिन्स नामक केमिकल की मौजूदगी को जिम्मेदार मानते हैं. यह केमिकल नशे की लत की दवाओं की तरह काम करता है.

आइए ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं.  

1-डेयरी उत्पाद में मौजूद कैसिइन नामक प्रोटीन छोटे पेप्टाइड में पच जाता है. और यह सक्रिय एजेंटों का एक परिवार है. इसे कसोमोर्फिन्स के नाम से भी बुलाया जाता है. यह डेयरी उत्पादों के प्रति आपकी लालसा को बढ़ाते हैं. 

2-मीट में एल्बुमिन, हीमोग्लोबिन और गामा ग्लोब्युलिन होता है. ये केमिकल मीट के प्रति आपकी लालसा को सक्रिय करते हैं. मांस खाने वालों को नशारोधी दवा देने पर उनमें मांस करने की लालसा में कमी दर्ज की गई. 

3-आप अक्सर सोचते हैं कि ऐसा क्या आपकी रोटी को स्वादिष्ट बना देता है. रोटी में ग्लिडिन नामक प्रोटीन होता है. इस नशीले पदार्थ को ग्लिडॉर्फिन भी कहा जाता है. इसके कारण फील गुड केमिकल के जाल में फंसने का खतरा अधिक होता है. 

4-चावल एशिया में बहुत लोकप्रिय है. दक्षिण और पूर्वी भारत में इसके बिना भोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. वास्तव में, ग्लिडिन नामक प्रोटीन चावल में भी मौजूद होता है, जो आपकी चावल के प्रति आपकी लालसा को बढ़ता है. और आप फिल गुड केमिकल के चालाक हाथों में फंसने लगते हैं. इसलिए इसकी बजाय ब्राउन चावल लेने का प्रयास करें. 

5-एक अध्ययन के अनुसार, नमकीन स्नैक्स के ज्यादा सेवन से किडनी आपके मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त सोडियम को डंप कर देती हैं. इसके कारण अतिरिक्त नमक सेल में जमा हो जाता है, और पोटेशियम की कमी, पानी प्रतिधारण, उच्च रक्तचाप या दिल की विफलता का कारण बनता है. हां, ये स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन स्वस्थ नहीं हैं. 

पतले होने का मतलब नहीं होता है स्वस्थ होना

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