रातोरात इंडियन मुक्केबाजों के लिए करना पड़ा ऐसा, नही तो हो जाते ओलिंपिक से बाहर
रातोरात इंडियन मुक्केबाजों के लिए करना पड़ा ऐसा, नही तो हो जाते ओलिंपिक से बाहर
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नई दिल्ली : रियो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय मुक्केबाजी दल की जर्सी को लेकर बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने आपत्ति जता दी, जिसके बाद रातों-रात भारतीय दल के लिए नई जर्सी की व्यवस्था करनी पड़ी। पहले वाली जर्सी के पिछले हिस्से पर देश के नाम का उल्लेख न होने को लेकर IOC ने आपत्ति जताई थी।

बॉक्सिंग के मुख्य कोच जी. एस. संधू ने गुरुवार को बताया कि प्रतिबंधित किए जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता। आखिरकार हमने पहले दिन बिना देश के नाम वाली जर्सी के साथ मुकाबलों में हिस्सा लिया ही। IOC के नियमों के अनुसार, ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की जर्सी पर उनके देश का नाम जरूर होना चाहिए। युवा मामले एवं खेल मंत्री विजय गोयल ने बुधवार की शाम एक बैठक कर अधिकारियों से तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए कहा। इसके बाद भारतीय दल की जर्सी पर रातों-रात स्थानीय कारीगरों से नाम लिखवाए गए।

संधू ने बताया कि समस्या हल कर ली गई है, लेकिन यह विवाद अनावश्यक था, क्योंकि हम पहले ही बिना देश के नाम वाली जर्सी के साथ दो मुकाबले खेल चुके थे। जर्सी पर नाम न होने की सफाई देते हुए संधू ने बताया कि भारतीय मुक्केबाजी संघ और भारतीय मुक्केबाजों पर इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (AIBA) का प्रतिबंध लगा हुआ था और भारतीय मुक्केबाजों को ओलंपिक से पहले हुई कुछ प्रतियोगिताओं में जर्सी पर देश का नाम न रखने के लिए कहा गया था। संधू ने बताया कि हमें ऐसा लगा था कि हमें उन्हीं नियमों का पालन करना है। हालांकि मंत्री के निर्देश पर समस्या हल कर ली गई।

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