मौत को हराकर, ड्यूटी पर पहुंचा चीता
मौत को हराकर, ड्यूटी पर पहुंचा चीता
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नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कमांडेंट चेतन चीता करीब एक साल पहले आतंकियों से मुठभेड़ करते हुए 9 गोलियां लगने से बुरी तरह जख्मी हो गए थे, लेकिन भारत का यह जांबाज़ सिपाही अब मौत के मुँह से सकुशल वापस लौट आया है. चेतन चीता ने CRPF हेडक्वार्टर दिल्ली में ज्वॉइनिंग दे दी है. पिछले साल 14 फरवरी 2017 को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में CRPF कमांडेंट को 9 गोलियां लगी थीं, ये गोलियां गोलियां चेतन चीता के पेट, हाथ, नितम्ब , आंख और दिमाग समेत कई अंगों में लगी थीं.

आतंकियों की गोलियां झेलने के बाद चेतन चीता करीब डेढ़ महीने तक कोमा में चले गए थे. जिसके बाद उनको होश आया था. उनका जिंदा बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है. ड्यूटी पर लौटने के बाद चेतन चीता ने कहा कि मैं ड्यूटी पर लौटकर काफी खुश हूं. इस वर्दी के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है. उनकी टीम ने बताया कि CRPF की 45वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन चीता कई गोलियां लगने के बावजूद मौके पर डटे रहे और आतंकियों को मुहतोड़ जवाब देते रहे.

आतंकियों के खिलाफ दिखाई गई उनकी इस बहादुरी के चलते उन्हें  स्वतंत्रता दिवस के दिन दूसरे सबसे बड़े वीरता पदक 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया गया था. आतंकियों से मुकाबले में चेतन चीता ने अपनी एक आंख गंवा दी है. उनके शरीर पर घाव के निशान अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं. हाथ पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है, जिसके लिए वे फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट ले रहे हैं. उनके मुताबिक पूरी तरह से ठीक होने में दो साल का वक्त लग जाएगा. फील्ड ड्यूटी को लेकर उन्होंने कहा कि अगर मुझे फील्ड ड्यूटी मिलेगी तो उसे स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होगी.

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