भाई - बहन का प्यार, उपहार और रक्षा का संकल्प
भाई - बहन का प्यार, उपहार और रक्षा का संकल्प
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रक्षाबंधन, जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है रक्षा का बंधन जो कि एक भाई अपनी बहन के लिए करता है. रक्षाबंधन जैसा पवित्र त्यौहार कोई और हो ही नहीं सकता. भाई और बहन का प्यार अटूट और अनमोल होता है जिसे व्यक्त करने को शायद ही किसी के पास कोई शब्द हों. जितना भाई - बहन आपस में लड़ते - झगड़ते हैं, नोक - झोक करते हैं उससे कही ज्यादा प्यार इस रिश्ते में होता है. साल में एक बार रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है जिसमे बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, राखी सिर्फ एक धागा नहीं होता ये बहन का अपने भाई के प्रति अगाध प्रेम का प्रतीक होता है. राखी बाँधने पर भाई अपनी बहन को कुछ उपहार देता है और साथ में देता है ढेर सारा प्यार और उससे भी बढ़कर होता है बहन की रक्षा का वचन.

रक्षाबंधन धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा है। जिसमें यह बात सामने आती है कि जब दानवों और देवताओं के बीच युद्ध हुआ तो देवता असुरों के सामने कमजोर साबित होने लगे ऐसे में देवताओं में निराशा छा गई लेकिन इसी दौरान देवराज इंद्र की पत्नी ने उनके हाथ पर रक्षासूत्र बांध दिया और इसके बाद देवताओं का आत्मविश्वास बढ़ा। जिसके बाद देवताओं ने असुरों पर विजय हासिल की। तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।

एक बार भगवान श्री कृष्ण को अंगुली में चोट लगी और फिर उनकी अंगुली से खून बहने लगा। इसके बाद द्रोपदी ने भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली को अपने वस्त्र से एक टुकड़ा फाड़कर उससे बांध दिया और श्रीकृष्ण का रक्त बहना रूक गया। जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को उसकी रक्षा का वचन दिया। रक्षा बंधन का पर्व श्रावणी उपाकर्म के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। इस दिन ब्राह्मण सरोवर और नदी तट पर जाकर अपनी जनेऊ भी बदलते हैं।

इस दिन सरोवर का पूजन भी किया जाता है। इस पर्व को नारळी पौर्णिमा के तौर पर भी जाना जाता है। जब अलेक्जेंडर विजय के लिए निकला तो राजा पुरू उसे रोकने की योजना बना रहे थे। तब अलेक्जेंडर की पत्नी काफी परेशान हो उठी और उन्होंने राजा पुरू को राखी भेजी जिसके बाद उन्होंने अलेक्जेंडर को जीवनदान दे दिया। इस तरह से रक्षाबंधन की परंपरा आज तक कायम है। इस पर्व पर भाई बहन को रक्षा का वचन देते हैं तो बहनें भी उनके दायित्वों को निभाती हैं साथ ही भाई बहनों से जुड़े पारिवारिक दायित्वों को भी निभाते हैं।

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