अबुधाबी: 90 वर्षीय एक बुजुर्ग ने उम्र की परवाह किए बगैर पांचवी बार निकाह किया है। इस उम्र में भी उन्होंने बाकायदा अपनी शादी का जश्न भी मनाया। इस दौरान उनके नाती-पोते भी जश्न मनाते हुए नज़र आए। शादीशुदा पोतों ने भी अपने दादाजी को शादी की बधाई दी है। बुजुर्ग दूल्हे ने कहा है कि मेरी अच्छी सेहत का राज शादी है। यदि मौका मिला, तो वह भविष्य में और निकाह करना चाहेंगे। सऊदी अरब में रहने वाले यह बुजुर्ग अपने नए निकाह को लेकर काफी उत्साहित हैं। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में इन्होंने अविवाहितों को खास हिदायत भी दी है, उन्होंने कहा है कि शादी करना सुन्नत है, इसे करने में झिझक नहीं होनी चाहिए।
90 برس کی عمر میں پانچویں شادی رچانے والے معمر ترین سعودی دلہا نے کنوارے نوجوانوں کا کیا مشورہ دیے، ویڈیو دیکھیےhttps://t.co/laYvvZpxUy pic.twitter.com/da0hb4WE3w
— العربیہ اردو (@AlArabiya_Ur) July 13, 2023
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नासिर बिन दहैम बिन वाहक अल मुर्शिदी अल ओताबी, सऊदी अरब के सबसे उम्रदराज दूल्हे बन गए हैं। उन्होंने अफीफ प्रांत में अपनी 5वीं शादी का जश्न मनाया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोग 90 वर्षीय इस व्यक्ति को बधाई दे रहे हैं। 90 वर्षीय यह दूल्हा बेहद उत्साही और खुश दिखाई दे रहा है। उनके पोते ने वायरल वीडियो में कहा कि, 'इस शादी के लिए मेरे दादाजी को बधाई, आपके सुखी वैवाहिक जीवन की दुआ करता हूं।'
एक इंटरव्यू के दौरान बोलते हुए नासिर बिन दहैम ने निकाह पर अपना विश्वास और विचार व्यक्त किया। उन्होंने इसे सुन्नत बताते हुए अविवाहित लोगों को सलाह दी कि निकाह करना सुन्नत का हिस्सा है और बेहद जरूरी है। बता दें कि, इस्लाम धर्म के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद के प्रवचन, शिक्षा, मार्गदर्शन को सुन्नत कहते हैं। नासिर कहते हैं कि, 'मैं और भी निकाह करना चाहता हूं! विवाहित जीवन सर्वशक्तिमान, संसार के स्वामी, के सामने विश्वास का कार्य और गर्व का स्रोत है। यह आराम, सांसारिक समृद्धि लाता है और यही मेरे अच्छी सेहत का राज है। मैं उन युवाओं से अपील करता हूँ, जो निकाह करने में झिझकते हैं, वे धर्म के संरक्षण और एक पूर्ण जीवन जीने के लिए इसे स्वीकार करें।'
मजहब को सुरक्षित रखना है, तो सुन्नत का पालन करो:-
इसके साथ ही नासिर ने निकाह के फायदों और इससे मिलने वाली खुशी में अपने विश्वास के संबंध में भी बात की, चाहे उम्र कुछ भी हो। “मैं अपने हनीमून पर खुश हूं। विवाह शारीरिक आराम और सुख है और बुढ़ापा निकाह को नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि, "मेरे बच्चों के अब बच्चे हैं और मैं अभी भी और अधिक बच्चे पैदा करना चाहता हूं।' उन्होंने उन लोगों को भी सलाह दी जो निकाह नहीं करना चाहते, उन्होंने कहा कि यदि वे अपने मजहब को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उन्हें सुन्नत का पालन करना चाहिए।
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