उत्तराखंड में बागी विधायकों को चाहिए बहस के लिए अतिरिक्त समय
उत्तराखंड में बागी विधायकों को चाहिए बहस के लिए अतिरिक्त समय
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देहरादून : उत्तराखंड में कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने अपनी सदस्यता के मामले पर बहस के लिए 25 अप्रैल तक का वक्त मांगा है। जिसे नैनीताल हाइकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। बागी विधायकों के वकील ने कोर्ट से कहा कि बहस के लिए सोमवार तक का वक्त दिया जाए। इसके लिए उन्होने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने का हवाला दिया।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने विधानसभा अध्यक्ष का पक्ष रखते हुए बागी विधायकों को अतिरिक्त समय दिए जाने का विरोध किया। विधान सभा अध्यक्ष ने इन नौ विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है, जिसे इन विधायकों ने चुनौती दी है। उतराखंड हाइ कोर्ट ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाते हुए कहा था कि बाैगी विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है, जिसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए।

यदि वर्तमान परिस्थिति में हाइ कोर्ट इन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करता है, तो यह हरीश रावत सरकार के लिए राहत की खबर होगी। यदि इन विधायकों की सदस्यता बहाल हो जाती है, तो बीजेपी के लिए सरकार बनाने का दावा पेश करना आसान होगा। बागी विधायकों ने अपने बचाव में दलील दी है कि जब प्रदेश में राष्ट्रपति शासन का आदेश दे दिया गया था, तो फिर स्पीकर के पास सदस्यता रद्द करने का अधिकार नहीं बचता। दूसरी ओर सभी बागी विधायकों ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की याचिका दी है।

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