78 वें जन्मदिवस की हार्दिक बधाई
78 वें जन्मदिवस की हार्दिक बधाई
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आज सिनेमा जगत के एक ऐसे सितारे का जन्मदिन है जिसने बेशक अपने कॅरियर में कई बड़ी फिल्में दी हैं इतना ही नही इस कलाकार ने 50 रू महीना से शुरू की एक्टिंग और अमिताभ जैसे महान कलाकार  के साथ काम किया। जी हाॅ हम बात कर रहे पृथ्वीराज कूपर के तीसरे बेटे शशि कपूर की आपको बता दे कि आज सिनेमा जगत के जाने माने कलाकार शशि कूपर का 78 वाॅ जन्म दिवस है। शशि कूपर ने भी अपने पिता पृथ्वीराज की तरह कई ऐसे कार्य किए है जिन्हें आज भी अपने काम के लिए याद किया जाता है। 

शशि कूपर का जन्मः
शशि का जन्म 18 मार्च 1938 में कोलकाता में हुआ था। इन्होंने ने अपनी शुरूआत की पढ़ाई मुंबई के डाॅन बास्कों स्कूल से की थी। आपकों बता दे कि शशि का पढ़ाई में कोई ज्यादा खास मन नही लगता था और इसी वजह से शशि ने जल्द ही थिएटर में काम करना शुरू कर दिया था। हालांकि शुरू में इन्होने पृथ्वी थिएटर में 50 रू महीना से काम किया।

उपनामः बलवीर,शशि, बलवीर राज, शशि बाबा,

परिवारः पिता-पृथ्वीराज कूपर, माता- रामसमी कपूर, भाई राज कूपर एवं सम्मी कपूर, 
बच्चे- कुनाल कपूर, करन कपूर,सजना कपूर
केरियरः शुरूआत में शशि कूपर ने अधिकतर धार्मिक फिल्मों में बाल कलाकार की भूमिका निभाई और यही से उनके केरियर की नीव पड़ने लगी थी। और 1948 में आई फिल्म आग से उन्होंने ने अपनी पहचान हसिल कर ली। इसकें बाद शशि के केरियर में लगातार बढोत्तरी होती गई और 1965 में उनकी पहली सुपरहिट फिल्म जब जब फूल खिले रिलीज हुई और फिल्म को काफी सफलता मिली शशि की कला को देखते हुये यश चोपड़ा ने इन्हें भारत की पहली मल्टी स्टारर ईस्टमैन कलर फिल्म वक्त के लिए कास्ट कर लिया था। 

अभिताभ के साथ जोड़ी 
1972 में फिल्म सिदधार्थ के साथ शशि ने अंर्तराष्ट्रीय सिनेमा के मंच पर अपनी  मौजूदगी दिखाई और इसके बाद शशि ने अपनी जोड़ी अभिताभ बच्चन के साथ भी बनाई और वह सफल भी रही. शशि नें हमेशा अपने काम को प्रधानता दी थी तभी तो उन्होंने अमित से उम्र में बड़े होते हुए भी कई फिल्मो में अमित के छोटे भाई का रोल अदा किया था. इसी बात से इनकी शालीनता और काम के प्रति दीवानगी का पता चलता है. 

आपकों बता दे कि फिल्म दीवार में दोनों की जोड़ी देखने को मिली जिसमें शशि ने छोटे भाई का रोल अदा किया था। इतना ही नही इस फिल्म में शशि द्वारा बोला गया डायलाग मेरे पास माॅ है यह डायलाग आज भी लोगो के दिल को छू जाता है। हालांकि  फिल्म में दोनों भाईयों के बीच टकराव देखने को मिला था जो लोग आज भी नही भूल पाए है। इसकें बाद इस जोड़ी ने लगातार कुछ खास फिल्मे दी जैसे कभी कभी, रोटी कपड़ा और मकान, सुहाग, सिलसिला, नमक हलाल, काला पत्थर जैसी धमाकेदार फिल्में दी। 

सम्मानः 1986 में इन्होनें न्यू देहली टाइम्स के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। और अपने आप को साबित कर दिया। 
फिल्म दीवार के लिए उन्हें 1976 में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता  का पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद साल 2010 में इन्हें फिल्म फेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और 2011 में पदम भूषण से भी सम्मानित किया गया। 

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