वित्तीय धारणाओं को नहीं समझते है 76 प्रतिशत भारतीय
वित्तीय धारणाओं को नहीं समझते है 76 प्रतिशत भारतीय
Share:

नई दिल्ली : मंगलवार को एसएंडपी रेटिंग सर्विसेज़ द्वारा वित्तीय व्यवस्था को लेकर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जिसमें यह बात सामने आई कि कई लोग मुद्रास्फीति और ब्याज दर जैसी प्रमुख धारणाओं को नहीं समझते। एसएंडपी रेटिंग सर्विसेज द्वारा सर्वे किया गया और कहा गया कि स्टेंडर्ड एंड पुअर्स रेटिंग सर्विसेज के वैश्विक वित्तीय साक्षरता सर्वे में यह कहा गया है कि एशिया में सिंगापुर में वित्तीय तौर से साक्षर वयस्क 59 प्रतिशत तक हैं।

इसके बाद हांगकांग और जापान का स्थान आता है। चीन में वयस्कों की संख्या एक तिहाई आंकी गई है। जबकि भारत को लेकर यह बात सामने आई है कि 76 प्रतिशत भारतीय वयस्क मुद्रास्फीति जोखिम विविधीकरण और चक्रवृद्धि ब्याज जैसी प्रमुख वित्तीय धारणाओं को नहीं समझते। 

वित्तीय साक्षरता के वैश्विक औसत से भी इसे कम माना जा रहा है। प्रमुखतौर पर ब्रिक्स देशों और दक्षिण एशियाई देशों के अनुसार ही व्यवस्था में यह मौजूद है। यह वित्तीय साक्षरता के वैश्विक औसत से बहुत ही कम है। मोटे तौर पर इस स्थिति को ब्रिक्स देशों और दक्षिण एशियाई देशों के अनुसार माना गया है।

वैश्विक स्तर पर 66 प्रतिशत वयस्क वित्तीय तौर पर साक्षर नहीं हैं। सर्वे के अनुसार इस मामले में पुरूष और महिलाओं के मध्य अंतर है। वैश्विक स्तर पर 65 प्रतिशत पुरूष वित्तीय तौर पर साक्षर नहीं हैं। दूसरी ओर 70 प्रतिशत महिलाऐं वित्तीय धारणाओं को समझते नहीं हैं। यह सर्वे आने के बाद वित्तीय क्षेत्र से लोगों को परिचित करवाने की चर्चा भी की गई।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -