नई दिल्ली : जहाँ एक तरफ अमेरिकी मार्केट में डॉलर की कीमतों में बढ़त के चलते देश में सोने की कीमतों मे गिरावट देखी जा रही है, वहीँ दूसरी तरफ देश के सोने का आयात 61 प्रतिशत बढ़कर 155 टन रहा है. आपको बता दे कि यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई अवधि का है. यह भी बता दे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गिरावट और RBI के द्वारा अंकुश में ढील के कारण सोने का आयात बढ़ा है. इसकी बजाय पिछले वर्ष इसी समय अवधि में सोने का आयात 96 टन रहा था. बाजार में सोने के दाम भी कई महीनों से कमजोर बने हुए है, सोने की कीमतों पर इसका काफी व्यापक असर देखने को मिला है.
30 जुलाई को न्यूयॉर्क बाजार में सोना 60000 रूपये प्रति औंस पर बंद हुआ था. मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने को लेकर भारत सोने का सबसे बढ़ा आयातक बना हुआ है, बता दे कि सोने का आयात बढ़ने के कारन देश के चालू कहते का कैड (घाटा) भी प्रभावित होता है. आपको यह स्पष्ट कर दे कि कैड वस्तुओं और सेवाओं के आयात का मूल्य निर्यात मूल्य से अधिक होने को कहा जाता है. कैड वित्त वर्ष 2014-15 में घटकर GDP के 1.3 फीसदी (करीब 1,500 अरब रुपये) पर आ गया था और यह 2013-14 में जीडीपी का 1.7 फीसदी ( करीब 2000 अरब रुपये) था.