कावेरी का 50 फीसदी पानी बेंगलुरु में हो जाता है बर्बाद
कावेरी का 50 फीसदी पानी बेंगलुरु में हो जाता है बर्बाद
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बेंगलुरु - एक ओर कावेरी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में आग लगी हुई है, वहीँ दूसरी ओर यह खबर चौंकाने वाली है कि बेंगलुरू को मिलने वाले पानी का करीब आधा हिस्सा बर्बाद हो जाता है. यह जानकारी इंडियास्पेंड एनालिसिस की रिपोर्ट से मिली है.

बता दें कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू पूरी तरह से कावेरी के पानी पर ही निर्भर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरू मिलने वाले पानी का करीब आधा हिस्सा बर्बाद हो जाता है. बेंगलुरू में स्थिति और भी खराब है. बेंगलुरू में रहने वाला हर व्यक्ति को रोजाना करीब 150 लीटर पानी की जरूरत होती है. मगर, उसे महज 65 लीटर पानी ही मिलता है. यह पानी चार बार टॉयलेट फ्लश करने पर निकलने वाले पानी के बराबर है. औसतन हफ्ते में तीन दिन पानी की आपूर्ति की जाती है.

कहा जा रहा है कि अगले नौ सालों में शहर में पानी की मांग आपूर्ति से तीन गुना अधिक होगी. यहां का जनसंख्या घनत्व कर्नाटक के औसत के 13 गुना अधिक है. कर्नाटक में घरेलू उपयोग के लिए आरक्षित कावेरी के पानी का 50 फीसद बेंगलुरू में ही उपयोग कर लिया जाता है. बेंगलुरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) के आंकड़ों के अनुसार करीब 49 फीसद पानी जल वितरण के दौरान बर्बाद हो जाता है.

इस रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कोलकाता ही देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा पानी बर्बाद किया जाता है. कोलकाता में 50 फीसद पानी की बर्बादी होती है. पानी की बर्बादी में कोलकाता पहला और देश के मेट्रो शहरों में बेंगलुरू का दूसरा स्थान है. इसी तरह दिल्ली में 26 प्रतिशत, चेन्नई में 20 प्रतिशत और मुंबई में 18 प्रतिशत पानी की बर्बादी होती है. आईएसईसी के अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में शहरों में आपूर्ति के दौरान 15 से 20 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है.

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