चीनी मीलों को लेकर यह कहा जा रहा है कि बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश में चीनी की एक्स-फैक्टरी कीमत 35 रुपए प्रति किलो के स्तर पर देखने को मिली है. बता दे कि बीते छह माह के दौरान चीनी की कीमतों में करीब 40 फीसदी की मजबूती आई है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि गन्ने में चीनी की रिकवरी अक्टूबर 2015 से लेकर सितंबर 2016 की अवधि में 1 फीसदी मजबूत हुई है और इसके साथ ही इसका औसत 10.5 फीसदी के आंकड़े को पार करने में सफल हुआ है.
बताया जा रहा है कि राज्य में चीनी मीलों के लिए ये अच्छा समय महाराष्ट्र में पड़े सूखे के कारण देखने को मिला है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सूखा पड़ने के कारण उत्पादन में कमी आई है. बताया जा रहा है कि अखिलेश सरकार के द्वारा 4 सीजन से गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य को 280 रुपए प्रति क्विटंल पर स्थिर रखा गया है.
जबकि इसके साथ ही यह भी देखने को मिला है कि गन्ना पेराई बंद होने के 3 महीने बाद तक चीनी मीलों को केवल 230 रुपए प्रति क्विटंल के भुगतान की छूट मिली है. बताया जा रहा है कि इतना कुछ होने के बाद भी चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का करीब 4000 करोड़ रुपया बकाया है. देखने को यह भी मिला है कि पिछले 6 महीने के दौरान बम्बई शेयर बाजार में चीनी मिल कंपनियों के शेयरों में 46 फीसदी से लेकर 626 फीसदी तक की मजबूती आई है. जबकि शुगर मीलों का यह कहना है कि अभी कीमत में और भी बढ़ोतरी हो सकती है.