Dec 02 2015 06:36 PM
राजस्थान : देश में बेरोजगारी किस कदर पांव पसार रही है, इसका ताजा उदाहरण इसी बात से मिलता है कि राजस्थान में चपरासी के पाँच पदों के लिए 26 हजार आवेदन आए है। कहा जा रहा है कि इन आवेदनों में 90 फीसदी आवेदन ऐसी महिलाओं के है, जो कि ग्रेजुएट है। चपरासी की इस नौकरी के लिए 10 हजार महिलाओं ने अप्लाई किया है।
इसके अलावा 60 प्रतिशत आवेदक बीएड, बीएसटीसी और एमएड हैं। हालांकि नौकरी के लिए सिर्फ आठवीं पास होना जरूरी है। पुरुष केंडिडेट भी 70 प्रतिशत तक ग्रेजुएट या बीएड हैं। इससे पहले भी इसी साल के सितंबर महीने में लखनऊ में चपरासी के 368 पदों के लिए 23 लाख आवेदन आए थए। जिसमें ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व पीएचडी होल्डर तक थे।
बार-बार हो रही इस तरह की घटनाएँ सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि केवल 65 प्रतिशत आबादी के युवा होने से कुछ नही होगा बल्कि उनके लिए रोजगार पैदा करना एक बड़ी चुनौती है। सरकार को ऐसे में वोकेशनल शिक्षा की ओर फोकस करना चाहिए और सैद्धांतिक शिक्षा से हटकर प्रैक्टिकल शिक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
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