इस गांव में 150 साल बाद चार बच्चों ने पास की बोर्ड परीक्षा
इस गांव में 150 साल बाद चार बच्चों ने पास की बोर्ड परीक्षा
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रामपुरहाट: मेतेलदांगा गांव से 150 सालों बाद किसी बच्चे की माध्यमिक परीक्षा पास होने की खबर ने देश में शिक्षा की रफ्तार की पोल खोल दी है. वीरभूमि के मयूरेश्वर ब्लॉक 1 के 4 बच्चों ने 150 साल में पहली बार माध्यमिक शिक्षा तक की दूरी तय की है।

शांति निकेतन में टैगोर ने अपनी मॉडल शिक्षा को आकार दिया था. लेकिन इसी गांव को शिक्षा के पहले स्तर तक पहुंचने में 150 साल लग गए. 40 परिवारों वाले इस छोटे से गांव में खुशी का माहौल है. पास होने वालों में दो लड़कियां भी है. इस गांव के ज्यादातर रहवासी किसान है।

माध्‍यमिक परीक्षा पास करने वाले बच्‍चे खुकुमोनी तादू (18), सुमी माद्दी (17), साहेब माद्दी (16) और मंगल मुर्मू (16) हैं. खुकुमोनी ने 33 फीसद, सुमी ने 31 और साहेब व मंगल ने 29 फीसद अंक हासिल किए हैं। गांव से तीन किमी दूर एक प्राथमिक स्कूल है, जहां ये बच्चे पढ़ने जाते थे।

लेकिन जल्द ही ये बच्चे पढ़ाई छोड़ देते थे. एक स्थानीय गैर सरकारी संगठन मल्लारपुर नईसवा ने इस गांव में 2001 में परिवर्तन का बीज बोया. एनजीओ ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय सहायता भी पहुंचाई और 2002 से एक प्राथमिक स्कूल भी खोला. गांव वालों का कहना है कि इसी एनजीओ वालों ने बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।

पास होने वाले चारों बच्चों ने भी गांव के प्राथमिक स्कूल से ही चौथी तक की शिक्षा पाई. इसके बाद वो कल्लारपुर के विद्दालयों में पढ़ने लगे. इन बच्चों के सम्मान में गांव वाले पैसे इकठ्ठे करके समारोह आयोजित करने जा रहे है. जिला प्रशासन अब चारों बच्चों को सुविधाएं मुहैया कराएगा।

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