वैसे आप सभी जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में बहुत से पर्व और त्योहार मनाते हैं और इन सभी में सबसे ख़ास होती है संकष्टी चतुर्थी. जी हाँ, आप जानते ही होंगे कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले श्री गणेश की आराधना की जाती हैं और इसी के साथ ऐसी मान्यता भी हैं कि, ''संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की पूरे विधि विधान के साथ पूजन ध्यान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.'' इसी के साथ संकष्टी चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.
इसी के साथ अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से पुकारते हैं. संकष्टी चतुर्थी को भगवान श्री गणेश की आराधना की जाती है जिससे विशेष वरदान मिलता है और इसी के साथ सेहत की समस्या को भी हमेशा के लिए समाप्त किया जा सकता हैं. आपको बता दें कि इस बार संकष्टी चतुर्थी 15 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही हैं और भगवान श्री गणेश में आस्था रखने वाले लोग संकष्टी चतुर्थी पर व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करके मनचाहे फल की कामना करते हैं. इसी के साथ संकष्टी चतुर्थी पर सुबह सूर्योदाय से पहले उठ जाना चाहिए और स्नान करने के बाद साफ हल्के लाल या पीले रंग के वस्त्रों को धारण करना चाहिए.
अब इसके बाद भगवान श्री गणेश के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें और भगवान गणेश की पूजा करते वक्त पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुंह करें. इसी के साथ श्री गणेश के सामने दीपक जलाएं और लाल गुलाब के पुष्प से भगवान को सजाएं और पूजा में तिल के लड्डू गुड़ रोली, मोली, चावल, पुष्प तांबे के लौटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रखें. ऐसा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे.
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