मार्च 2017 तक डी.बी.टी के दायरे में होंगी 147 योजनाएं
मार्च 2017 तक डी.बी.टी के दायरे में होंगी 147 योजनाएं
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नई दिल्ली - प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) की शुरूआती सफलता से उत्साहित सरकार मार्च 2017तक एेसी योजनाओं की संख्या दोगुनी कर 147 करने पर विचार कर रही है. बता दें कि पायलट आधार पर लोगों को खाद्यान, केरोसिन तथा उर्वरक के लिए सबसिडी उनके खाते में दे दी जा रही है.

इस बारे में वित्त सचिव अशोक लावासा ने कहा कि फिलहाल 17 सरकारी विभागों तथा मंत्रालयों की 74 योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) के तहत लाभार्थियों को सबसिडी सीधे उनके बैंक खातों में दी जा रही है. वित्त सचिव ने यह भी बताया कि सरकार ने व्यय प्रबंधन आयोग की 30 प्रतिशत सिफारिशों को क्रियान्वित किया है. आयोग का गठन व्यय सुधार के बारे में सुझाव देने के लिए किया गया. इसका मकसद सबसिडी व्यवस्था में सुधार तथा राजकोषीय घाटे को कम करना था.

वित्त सचिव अशोक लावासा ने कहा कि मार्च 2017 तक 147 योजनाओं को डी.बी.टी. के दायरे में लाने की हमारी योजना है. कुल मिलाकर देखा जाए तो खाद्य सबसिडी, उर्वरक सबसिडी तथा गैर-यूरिया सबसिडी में कमी आई है. खाद्य सबसिडी को युक्तिसंगत बनाने में सफल रहे हैं.

सरकार डी.बी.टी. के जरिए सही लाभार्थियों को लक्षित करना चाहती है.इसका उद्देश्य दोहरीकरण को समाप्त करना, गड़बडिय़ों को दूर करना, डिलीवरी प्रक्रिया में कार्यकुशलता लाना है, ताकि व्यय को नियंत्रित कर जवाबदेही एवं पारदर्शिता लाई जा सके.डी.बी.टी. के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए आधार या विशेष पहचान संख्या का उपयोग किया जा रहा है तथा लाभ सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाता है, इससे गड़बड़ी तथा दुरुपयोग पर विराम लगता है.

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