रांची। झारखण्ड में कुपोषण की वजह से पिछले 10 महीनों में 14 लोगों की मौत हो गयी है। झारखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता ने इन मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इन कार्यकर्ताओं का मानना है कि जब से सरकार ने राशन लेने के लिए राशन कार्ड को आधार से लिंक करवाना अनिवार्य किया है तब से गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है और इस वजह से वे कुपोषण के शिकार बनते जा रहे।
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दरअसल इसी साल 26 जुलाई के दिन झारखण्ड में राजेंद्र बिरहोर नाम के एक 40 वर्षीय आदिवासी की कुपोषण से मौत हो गयी थी। तब उसके परिजनों ने बताया था कि पहले सरकारी योजना के तहत राशन कार्ड दिखाकर राशन मिल जाता था लेकिन जब से सरकार ने आधार कार्ड अनिवार्य किया है। तब से राशन मिलना बिलकुल बंद हो गया है। तब से इस मामले ने तूल पकड़ी थी।
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इस घटना के बाद से इलाके के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ऐसे मामलों की जाँच करने के साथ साथ इन मुद्दों को उठाना भी शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि झारखण्ड के कुछ कुछ इलाको में कुपोषण एक गंभीर समस्या है और सरकार इसे दूर करने के लिए कुछ योजनाए भी बना चुकी है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।
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