Aug 29 2016 04:21 AM
इंसान को छह से आठ घंटे तक सोना चाहिए. पांच घंटे तक की कम नींद भी याददाश्त को कमजोर कर सकती है. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है. हिप्पोकैम्पस का ताल्लुक सीखने और याददाश्त के साथ है. अध्ययन में पता चला कि कम सोने से हिप्पोकैम्पस में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच जुड़ाव नही हो पाता है जिससे याददाश्त कमजोर होती है.
ग्रोनिनजेन इंस्टीट्यूट फॉर इवॉल्यूशनरी लाइफ साइंसेज के असिस्टेंट प्रोफेसर रॉबर्ट हैवेक्स ने कहा, 'यह साफ हो गया है कि याददाश्त बरकरार रखने में नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हम जानते हैं कि झपकी लेना महत्वपूर्ण यादों को वापस लाने में सहायक होता है, लेकिन कम नींद कैसे हिप्पोकैंपस में संयोजन कार्य पर असर डालती है और याददाश्त को कमजोर करती है, यह स्पष्ट है.'
हाल तक यह भी माना जाता रहा है तंत्रिका कोशिकाओं को पारस्परिक सिग्नल पास करने वाली सिनैपसिस-स्ट्रक्चर के संयोजन में बदलाव होने से भी याददाश्त पर असर पड़ सकता है. इसलिए यदि आप काम नींद लेते है तो अच्छे से सोना शुरू कर दिजिए.
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