करगिल संघर्ष के बाद भी बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान !
करगिल संघर्ष के बाद भी बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान !
Share:

आज भारत अपना एक महत्वपूर्ण दिन उत्सवी माहौल में मना रहा है। आखिर मनाए भी क्यूं न, आज ही के दिन वर्ष 1999 में भारत के रणबांकुरों ने पाकिस्तान की सेना को दुर्गम क्षेत्रों से खदेड़ा था और फिर तिरंगा इन क्षेत्रों में लहराया था। द्रास, बटालिक, कारगिल की ऊॅंची और दुर्गम चोटियों पर सैनिकों ने अपने अदम्य वीरता और साहस का परिचय दिया था। भारत ने फिर पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया था।

हां इस युद्ध में भारत की आॅफिसर रैंक और सैनिक टुकड़ी को भी जमकर नुकसान हुआ था। दरअसल पाकिस्तान लंबे समय से भारत के कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता है। इसके लिए वह छद्मतौर पर भारत की धरती पर आतंकवाद धकेल रहा है। कई बार वह सीमा पार से घुसपैठ करवाने में मदद करता है तो कई बार पाकिस्तानी रेंजर्स ही भारतीय रण क्षेत्र में गोलीबारी करते हैं।

अब फिर से पाकिस्तान ने वार्ता प्रक्रिया को बाधित कर आतंकवाद को बढ़ावा दिया। तो दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान में कश्मीर के विलय के लिए जो रवैया अपना रहे हैं उससे तो ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के जनप्रतिनिधि भी भारत विरोधी कदम उठाकर सेना और आतंकियों के दबाव में निर्णय ले रहे हैं। पाकिस्तान में न तो लोकतंत्र इतना मजबूत है और न ही वहां के जनप्रतिनिधि इतने सशक्त हैं कि वे सेना के निर्णय से अलग हटकर कोई निर्णय ले सकें।

ऐसे में पाकिस्तान का आतंकी चेहरा साफ नज़र आता है। यही नहीं पाकिस्तान के लोकतांत्रिक नेताओं को यह पता है कि वे सीधी लड़ाई लड़कर या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मसला उठाकर कश्मीर को हथिया नहीं सकते हैं। ऐसे में कश्मीर पर अपना हक जताने के लिए पाकिस्तान वहां के अंदरूनी हालातों को प्रभावित कर रहा है। कश्मीर के लोगों को बरगलाकर पाकिस्तान वहां पर हिंसा भड़काना चाहता है और यह जताना चाहता है कि जो भारत लोकतंत्र का डंका बजा रहा है, वह जम्मू - कश्मीर की स्थितियों के लिए लोकतांत्रिक नीति नहीं अपनाता है।

मगर पाकिस्तान को लेकर यह जगजाहिर है कि पाकिस्तान इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। पहले जहां वह मुंबई के 26/11 के हमले और पठानकोट हमले को लेकर यह कहता रहा है कि भारत इन मामलों में पाकिस्तान पर बेवजह आरोप लगा रहा है मगर अब तो वह खुलेतौर पर कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी का समर्थन करने में लगा है हालांकि वह इसे भारतीय सेना की गलत कार्रवाई बता रहा है लेकिन इससे स्पष्ट है कि वह जम्मू - कश्मीर के मामले में विशेष दिलचस्पी दर्शाकर अपना स्वार्थ साधना चाहता है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -