जन्म कुंडली में किसी तरह का भी कालसर्प दोष है, उन्हें इस दोष निवारण के लिये शिवरात्रि का दिन अति उत्तम है। यदि शिवरात्रि के मुर्हूत में कालसर्प दोष निवारण कराया जाये तो हमेशा की झंझट से मुक्ति मिल जाती है। इसलिये इस मुर्हूत का फायदा उठाने से बिल्कुल नहीं चूकना चाहिये।
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को न केवल आर्थिक समस्या हमेशा घिरी रहती है वहीं नौकरी धंधे में भी स्थायित्व नहीं मिल पाता है। इसके अलावा कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति का कर्ज भी उतरने का नाम नहीं लेता। कुल मिलाकर इस दोष से पीड़ित जातकों को किसी न किसी बात को लेकर परेशानी आती रहती है और उसका जीवन नरक समान हो जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष निवारण करने के यूं तो कइ्र्र सरल उपाय बताये गये है लेकिन जब तक इसके निवारणार्थ पूजन नहीं कराई जाये तब तक समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। इसलिये दोष पीड़ित व्यक्ति को पूजा अवश्य ही कराना चाहिये। वैसे तो पंचमी तिथि या अमावस्या के दिन कालसर्प दोष निवारण पूजन का महत्व है लेकिन महाशिवरात्रि जैसे उत्तम दिन पर इस पूजन का विशेष महत्व बताया गया है।
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