चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करें
चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करें
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18 सितंबर को उरी में पाक प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किये गए हमले के बाद देशवासी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे है. पीएम द्वारा इस मसले को लेकर सभी संभव उपायों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें कूटनीतिक प्रयासों के अलावा अन्य सैनिक तैयारियों पर भी मंथन जारी है. हालाँकि देश द्वारा किए गए कूटनीतिक प्रयासों का असर भी दिख रहा है. पाक को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए दो अमेरिकी सांसदों ने प्रस्ताव पेश किया है. चीन को छोड़कर सार्क के सभी देशों ने भारत का समर्थन किया है जो अच्छी बात है. चीन ने उरी हमले पर भी नपी तुली प्रतिक्रिया दी है.

पीओके पर भारत द्वारा कार्रवाई किए जाने के अंदेशे से घबराए चीन को वहां निवेश किए गए अपने 41 अरब रुपए की चिंता ज्यादा है, तभी तो उसने भारत को सलाह दी है कि पीओके में सोच समझ कर कार्रवाई करें. वैसे भी चीन का रुख पाकिस्तान के समर्थन का रहा है. एनएसजी की सदस्यता के मामले में भी चीन के अड़ियल रवैये से ही भारत एनएसजी की सदस्यता हासिल नहीं कर पाया.

इस मामले में कम से कम चीन का भारत विरोधी रुख तो स्पष्ट है , जबकि पाकिस्तान तो दोस्ती की आड़ में बरसों से छद्म युद्ध किए जा रहा है. कहा भी गया है कि दोस्तों से बचाके रखना, दुश्मन से तो हम निपट लेंगे. उरी हमले के बाद चीन के वर्तमान रवैये से अब यह तय हो गया है कि इस पडोसी देश को सबक सिखाने का समय आ गया है. चीन के प्राण उसके व्यापार में बसते हैं. यदि चीन की आर्थिक रीढ़ पर प्रहार किया जाए तो यह बिलबिलाने लगेगा.

यह सभी को पता है कि भारत में चीन में निर्मित वस्तुओं की कितनी खपत है. यदि पूरे देशवासी चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करने का दृढ निश्चय कर ले तो चीन की अक्ल बहुत जल्द ठिकाने आ जाएगी, लेकिन इसके लिए आजादी के आंदोलन के दौरान देश प्रेम की जिस भावना को प्रकट किया गया था, उसी के फिर से प्रदर्शन की दरकार है. इसलिये देश के सभी नागरिकों से यह आव्हान करते हैं कि वे आज से ही चीन की वस्तुओं की खरीदी और उसके उपयोग का बहिष्कार करें. देश प्रेम सिर्फ तिरंगा लहराने, रैली निकालने या नारेबाजी से ही नहीं दिखता, उसके लिए सच में त्याग भी करना पड़ता है.

आइये, आज से ही हम सब संकल्प करें कि चीनी वस्तुओ न तो उपयोग करेंगे और न ही करने देंगे. इस मामले में देश के सभी राजनीतिक दलों और उनके अनुषंगी संगठनों के कार्यकर्ताओं को आगे आना होगा तभी यह आंदोलन सफल हो सकेगा.

चीन ने चली आतंकवाद पर अपनी चाल

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