आज के इस दौर में करियर बनाने के बहुत ही अच्छे- अच्छे ऑप्शन हमारे सामने आते है जिनकी मदद से हम अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते है .इन्हीं में से एक है हैंडराइटिंग में करियर-
आज सभी को लिखना-पढ़ना पसंद तो होगा ही, हमारी पीढ़ी को हमेशा से ही पढ़ने-लिखने के फायदे गिनाए जाते रहे हैं कि देखो कैसे वी व्यक्ति पढ़-लिख कर बड़ा आदमी बन गया. कैसे उसके पास कभी दो जून की रोटी नहीं हुआ करती थी और आज वह हजारों लोगों के जीने की वजह बन गया है. चलिए हम भी आपको पहेलियां बुझाना बंद कर देते हैं. आज हम आपको ग्राफोलॉजी (राइटिंग की टेक्निक पकड़ने) के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या है ग्राफोलॉजी?
ग्राफोलॉजी एक ऐसी विधा (टेक्निक) है जिसमें इसका एक्सपर्ट लोगों की लिखावट के आधार पर लोगों के व्यक्तित्व व कार्यशैली का पता लगाता है. इसके तहत लोगों के भावनात्मक स्तर , कमजोरी, मजबूती, संशय, पसंद और नापसंद का पता चलाया जाता है.
ग्राफोलॉजिस्ट बनने के लिए जरूरी काबिलियत?
ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट किसी इंसान के सिग्नेचर, लिखने का स्टाइल , किन्हीं शब्दों के बीच के गैप और शब्दों के झुकाव के पैटर्न की स्टडी करते हैं. जैसे कोई शख्स कितने बड़े वाक्य लिखता है. उसके लिखे शब्द एक पैटर्न में हैं कि नहीं. आपको छोटी-छोटी चीजों का खयाल रखना पड़ता है. इसके अलावा इस क्षेत्र में हाथ आजमाने की इच्छा रखने वाला खुद को मानसिक तौर पर तैयार करे तो बेहतर होगा.
नौकरी के मौके?
ग्राफोलॉजी को आज यंग जनरेशन कई तौर-तरीकों से अपना रही है. जैसे कि टीम बिल्डिंग, काउंसिलिंग और चाइल्ड ग्रोथ. वे कई बार लोगों के साथ होने वाली मानसिक दिक्कतों के भी सॉल्यूशन इनके भीतर खोजते हैं. रिसर्च बताते हैं कि लोग अपनी राइटिंग में बदलाव लाकर अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव ला सकते हैं.
करियर ऑप्शन?
कॉरपोरेट घराने और कंसंलटेंट सर्विस अपने यहां ग्राफोलॉजिस्ट हायर करती हैं ताकि वे अपने यहां सुलझे लोगों को नौकरी पर रख सकें. वे उनकी मदद से लोगों के व्यक्तित्व का आकलन करते हैं कि आगे के काम में अगला शख्स उनका किस प्रकार मददगार होगा.
कहां से करें कोर्स?
आज हमारे देश में ऐसे कई संस्थान हैं जहां इस स्किल से जुड़े कोर्स जैसे डिग्री-डिप्लोमा कराए जाते हैं. कोलाकाता का ग्राफोलॉजी संस्थान, कोलकाता का एजुकेशन व डेवलपमेंट प्रोग्राम, मुंबई का अंतरराष्ट्रीय ग्राफोलॉजी रिसर्च सेंटर उनमें शामिल हैं.