संसदीय विरासतों में ऐतिहासिक बदलावो का साल -2017
संसदीय विरासतों में ऐतिहासिक बदलावो का साल -2017
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भारत के संसदीय इतिहास में वर्ष 2017 को क्यों यादगार माना जा रहा है. आईये देखिए -

  • 2017 का बजट सत्र जनवरी में शुरू हो गया
  • 9 दशक पुरानी परंपरा को तोड़कर आम बजट में शामिल रेल बजट
  • रात 12 बजे हुई देश में जीएसटी लागू करने की घोषणा हालांकि कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के तरीके का विरोध करते हुए इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया.
  • मानसून सत्र में रामनाथ कोविंद ने ली 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ
  • मानसून सत्र 17 जुलाई से 11 अगस्त तक चला.
  • 11 अगस्त को एम वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.
  • भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा
  • 2017 के शीतकालीन सत्र में देरी
  • बजट सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 108 और राज्यसभा की 86 प्रतिशत

साल 2017 में दोनों सदन में पारित हुए कई विधेयक. साल 2017 के दौरान दोनों सदनों से पारित हुए विधेयकों में एचआईवी एवं एड्स (नियंत्रण एवं रोकथाम) विधेयक, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक, बैंकिंग नियमन (संशोधन) विधेयक, कंपनी (संशोधन) विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान विधेयक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (दूसरा संशोधन) विधेयक शामिल हैं.

केन्द्र सरकार ने इस साल बजट प्रक्रिया में कई ऐसे बदलाव किये जो इतिहास में दर्ज किये जाएंगे. इन बदलावों के पीछे मूल उद्देश्य था कि वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले ही नये वित्त वर्ष का आम बजट पारित करा लिया जाए, ताकि तीन माह के लिए संसद से अनुदान की अनुपूरक मांगें पारित कराने की आवश्यकता खत्म की जा सके.

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