यज्ञ शब्द में छुपे हुये है तीन अर्थ
यज्ञ शब्द में छुपे हुये है तीन अर्थ
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यज्ञों का उल्लेख तो हमारे प्राचीन ग्रंथों में प्राप्त होता ही है वहीं यज्ञ करने का विधान आज भी है तथा इसका फल अवश्य ही प्राप्त होता है। यज्ञ शब्द के तीन अर्थ बताये गये है। पहला देव पूजा, दूसरा दान और तीसरा अर्थ है संगठन। यज्ञ का प्रमुख उद्देश्य धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों का सत्प्रयोजन के लिये संगठित करना भी है।

यज्ञ का तात्पर्य त्याग, बलिदान और शुभ कर्म भी होते है। ज्योतिष शास्त्र में यज्ञ का महत्व बताया गया है तथा किसी विशेष फल की प्राप्ति के लिये यज्ञ करने की सलाह दी जाती है। यज्ञ विश्व शांति एवं मानव कल्याण के उद्देश्य से भी किया जाता है।

यज्ञ के माध्यम से जो शक्तिशाली तत्व वायु मंडल में फैलाये जाते हे उनसे हवा में घूमते असंख्य रोग कीटाणु सहज ही नष्ट हो जाते है। मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु पक्षियों, वनस्पतियों के आरोग्य की भी यज्ञ के माध्यम से रक्षा होती है।

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