खाइयों से घिरा हुआ था मंदिर जहाँ पूजा करने आते थे अश्वत्थामा
खाइयों से घिरा हुआ था मंदिर जहाँ पूजा करने आते थे अश्वत्थामा
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मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के नजदीक है 'असीरगढ़ किला' और इस किले के अंदर स्थित है 'गुप्तेश्वर महादेव मंदिर'।कहते हैं यहां गुप्तरूप से हर अमावस्या और पूर्णिमा के दिन अश्वत्थामा आते हैं। वह यहां शिवजी की पूजा करते हैं।अश्वत्थामा का उल्लेख महाभारत में मिलता है।

यहां किसी ने भी अश्वत्थामा को पूजा करते नहीं देखा, लेकिन सुबह गुप्तेश्वर मंदिर में शिवलिंग के समक्ष गुलाब के फूल और कुमकुम के मिलता है। मंदिर के पुजारियों का मानना है कि भगवान भोलेनाथ को गुलाब और कुमकुम अश्वत्थामा ही चढ़ाते हैं।

यहां है असीरगढ़ का किला
असीरगढ़ का किला बुरहानपुर शहर से 20 किलोमीटर दूर पर उत्तर दिशा में सतपुडा पहाड के शिखर पर समुद्र सतह से 750 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। किले के ऊपरी भाग में गुप्तेश्वर महादेव मंदिर है। यह मंदिर चारों और खाइयों से घिरा हुआ था।

किंवदंती के अनुसार इन्हीं खाइयों में से किसी एक खाई में गुप्त रास्ता बना हुआ है, जो खांडव वन (खंडवा जिला) से होता हुआ, सीधे इस मंदिर में निकलता है। ऐसी मान्यता है कि अश्वत्थामा मंदिर में इसी रास्ते से आते हैं।

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