गणपति की आराधना और ज्योतिषीय सलाह
गणपति की आराधना और ज्योतिषीय सलाह
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भगवान गणेश को रिद्धी सिद्धी का दाता कहा गया है। वे संकटों को दूर करते है, धन समृद्धि देते है और हर मनोकामनाओं को पूरा करने में बिल्कुल भी देर नहीं करते है। यही कारण है कि ज्योतिषी बगैर कुंडली देखे भी भगवान गणेश की आराधना करने की सलाह जातकों को दे देते है। हालांकि धन का अभाव, बेरोजगारी, विवाह में आने वाली बाधाओं का कोई महत्वपूर्ण ग्रह योग या कारण कुंडली में दिखाई देता है तो निश्चित ही गणेश की आराधना, व्रत आदि की सलाह दे दी जाती है ताकि काम शीघ्र पूरे हो।

भगवान गणपति की आराधना बहुत सामान्य है तथा हर दिन ही की जा सकती है। बस आवश्यकता है भगवान गणेशजी पर आस्था और विश्वास रखने की, फिर इसके बाद यदि आपके काम पूरे नहीं हो तो बतायें क्योंकि यह माना गया है कि यदि भगवान गणेश किसी पर अपनी कृपा कर दें तो जीवन सुखमय बन जाता है।

बुधवार या चतुर्थी का करें व्रत-

भगवान गणेश की आराधना में दर्शन के साथ ही चतुर्थी या बुधवार के व्रत का विधान ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। आपके काम नहीं बन रहे है तो गणेशजी के दर्शन कर बुधवार या चतुर्थी का व्रत करना शुरू कर दें। पूजन करने के समय यदि दुर्वा अर्पित कर दें तो अति उत्तम रहता है। उपवास में सुबह फलाहार ले सकते है और शाम के समय पूजन आदि संपन्न कर भोजन ग्रहण करे। पूजन के वक्त भगवान गणेश का ध्यान कर मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की जाये।

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